प्रादेशिक
प्रदेश में सक्रिय मामले कम होने पर भी कोविड-19 टेस्ट की संख्या घटाई नहीं जा रही है: नवनीत सहगल
लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के 3टी ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट अभियान के साथ-साथ अभिनव प्रयोग करते हुए आशिंक कोरोना कर्फ्यू तथा टीकाकरण से प्रदेश में दूसरी लहर के कोरोना संक्रमण को नियंत्रित किया गया है। इस अभिनव प्रयोग में कोरोना संक्रमण में निरन्तर कमी आ रही है। प्रदेश में सक्रिय मामले कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्ट करने की संख्या घटाई नहीं की जा रही है। मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा 18 मण्डलों व 40 जनपदों में स्वंय जाकर स्थलीय निरीक्षण भी कर चुके है। उन्होंने बताया कि 3टी के कारण ही 30 अप्रैल के एक्टिव मामले 3,10,783 घटकर आज 1093 तथा 30 अप्रैल के प्रतिदिन कोविड केस 38 हजार से घटकर आज 70 हो गये है। प्रदेश में कोविड टीकाकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। अब तक लगभग 04 करोड़ 10 लाख कोविड की डोज दी जा चुकी है इसे और बढ़ाकर प्रतिदिन की 10 लाख डोज लगाने की योजना बनायी जा रही है।
उन्होंने बताया कि 12 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के अभिभावक को अभिभावक स्पेशल बूथ बनाकर वैक्सीनेशन किया जा रहा है। जिससे संभावित तीसरी लहर आने से पहले सभी को वैक्सीनेड्ड किया जा सके। सहगल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 05 मई से लक्षण युक्त मरीजों को चिन्हित करने का अभियान चलाया गया। सर्विलांस के माध्यम से सरकारी मशीनरी द्वारा उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ की जनसंख्या में से अब तक लगभग 17 करोड़ से अधिक लोगों से उनका हालचाल जाना गया है। श्री सहगल ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने आज टीम-9 की बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज का एक लक्ष्य लेकर प्रदेश सरकार चल रही है। उसमें लगभग 09 मेडिकल कालेज का उद््घाटन मा0 प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से किया जायेगा। जिसमें देवरिया, मिर्जापुर, एटा, फतेहपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर तथा जौनपुर जनपद है। शेष 16 जनपदों में पीपीपी मॉडल के आधार पर मेडिकल कालेज खोले जाने के संबंध में कार्यवाही चल रही है। लगभग 50 मेडिकल कालेज में पहले से ही स्वीकृत है उनपर कार्यवाही चल रही है।
नवनीत सहगल ने बताया कि संभावित कोविड की तीसरी लहर के तहत में 6500 से अधिक पीकू/नीकू बेड की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री जी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि वह सुनिश्चित कर ले कि अस्पतालों में किसी भी प्रकार के चिकित्सीय उपकरणों में कमी नहीं होनी चाहिए। अगर कहीं भी किसी भी प्रकार की कमी है तो उसे मंागा लिये जाये तथा कर्मचारियों का भी प्रशिक्षण किया जाये जिससे उपकरण चलाने में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्देश दिया है कि कोरोना काल में जिन निजी अस्पतालों में अधिक धनराशि मरीजों से ली है, उसे उनकों वापस कराकर अस्पतालों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये।
नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने सभी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये है कि माह में एक दिन व्यापार मण्डल व उद्योगप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनसे संवाद करे और जो भी उनकी समस्याएं है उनका निस्तारण कराये। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कर्मचारियों के प्रति संवेदना दिखाते हुए सभी सरकारी कार्यालय में जिन कर्मचारियों के विभागाध्यक्ष को निर्देशित किया है कि कर्मचारियों का वेतन का मामला, वेतन विसंगति का मामला, छुट्टी का मामला तथा पदोन्नति का मामला इसकों तत्काल निस्तारण कराया जाये। अधिकारियों को सप्ताह में एक बार एक घण्टा के लिए उनकी समस्याओं का समय से निदान किया जाये। इसके साथ-साथ कोरोना या किसी अन्य कारण से मृत्यु हुयी है उनके आश्रितों को तत्काल नियुक्ति की प्रक्रिया की जाये और जो लाभ परिजनों को मिलने है समय से उनकों लाभ दिये जाये।
नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये है कि तहसील दिवस व थाना दिवस हो रहे है उसमें द्वितीय व चतुर्थ को थाना दिवस तथा प्रथम व तृतीय को तहसील दिवस है यह सुनिश्चित किया जाये कि पांच दिन में अगले तहसील दिवस से पहले समस्याओं का निस्तारण हो जाये और इसी प्रकार से देखा जाये कि निस्तारण समय से हो और जहां पर किसी कानूनी वजह से निस्तारण करना संभव नहीं है तो उसकी सूचना आवेदक को दे दी जाये। जिससे उसे कठिनाई का सामना न करना पड़े।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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