प्रादेशिक
सीएम योगी का बड़ा ऐलान, 1 जून से सभी जिलों में 18+ लोगों का होगा वैक्सीनेशन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन तेजी से टूटती नजर आ रही है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में 4 हजार से कम कोरोना के नए मामले सामने आए। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के 3टी फार्मूले से मिली सफलता से प्रदेश में रोज कोरोना के मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है। एग्रेसिव टेस्टिंग के अलावा सूबे में तेजी किए जा रहे कोरोना वैक्सीनेशन से यूपी में कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह से काबू में दिख रही है। यूपी में अब कोरोना को हराने के लिए योगी सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकारी देते हुये बताया कि, एक जून से 18 से 44 साल को लोगों का वैक्सीनेशन सभी 75 जिलों मे शुरू किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तीसरी लहर की आशंका के चलते उन अभिभावकों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी जिनके बच्चे 12 साल से छोटी उम्र के हैं। बता दें कि, कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये राज्य में टीकाकरण अभियान जोर शोर से चलाया जा रहा है।
मौजूदा दौर में वैक्सीनेशन अभी सिर्फ 23 जिलों मे चल रहा है। मुख्यमंत्री ने ये जानकारी पूर्वांचल दौरे के वक्त दी। गौरतलब है कि, इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने एक जून से 18+ के लोगों के वैक्सीनेशन को लेकर निर्देश दिया था। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि, उन गांवों में वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाए जहां संक्रमण की दर काफी ऊंची है।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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