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उत्तराखंड

यूपी के बाद अब उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस महामारी घोषित

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देहरादून। उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस को अब महामारी घोषित कर दिया गया है। राज्य में लगातार ब्लैक फंगस के नए मामले सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया है।

शनिवार को इस संबंध में उत्तराखंड शासन द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में महामारी के प्रोटोकॉल के तहत ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज होगा। प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।

इसको देखते हुए एम्स ऋषिकेश ने अलग से म्युकर वार्ड तैयार किया है, जिसमें मेडिकल विभागों के पन्द्रह सदस्यीय डॉक्टरों की टीम तैनात है। जबकि वार्ड में उपचार के लिए सभी आवश्यक उपकरणों, दवाइयों की व्यवस्था भी कर दी गई है।

वहीं सरकार कोविड की वजह से अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को भरण-पोषण के लिए हर महीने ढाई हजार रुपए देगी। इसके अलावा बच्चों को सरकारी आवासीय स्कूलों में फ्री शिक्षा और राशन दिया जाएगा। बच्चों के वयस्क होने तक इनकी पैतृक संपत्ति को कोई खुर्द न करे, इसके लिए संबंधित जिलों के जिला अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

उत्तराखंड

उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा UCC, सीएम धामी ने किया एलान

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऐलान किया कि राज्य में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा देहरादून में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (UIIDB) की बैठक के दौरान की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने संकल्प के अनुसार UCC को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और जनवरी 2025 से इसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।

इसके साथ ही उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादे को पूरा किया जा रहा है। मार्च 2022 में जब राज्य में नई सरकार बनी थी, तो पहले ही मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था।

उन्होंने बताया कि इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने की और इस समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी। उसी रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक-2024 पारित किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इसे अधिसूचित किया गया। सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समानता लाना और खासकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलना है। उन्होंने इसे ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना के अनुरूप बताया।

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