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उत्तराखंड

यूपी के बाद अब उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस महामारी घोषित

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देहरादून। उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस को अब महामारी घोषित कर दिया गया है। राज्य में लगातार ब्लैक फंगस के नए मामले सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया है।

शनिवार को इस संबंध में उत्तराखंड शासन द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में महामारी के प्रोटोकॉल के तहत ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज होगा। प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।

इसको देखते हुए एम्स ऋषिकेश ने अलग से म्युकर वार्ड तैयार किया है, जिसमें मेडिकल विभागों के पन्द्रह सदस्यीय डॉक्टरों की टीम तैनात है। जबकि वार्ड में उपचार के लिए सभी आवश्यक उपकरणों, दवाइयों की व्यवस्था भी कर दी गई है।

वहीं सरकार कोविड की वजह से अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को भरण-पोषण के लिए हर महीने ढाई हजार रुपए देगी। इसके अलावा बच्चों को सरकारी आवासीय स्कूलों में फ्री शिक्षा और राशन दिया जाएगा। बच्चों के वयस्क होने तक इनकी पैतृक संपत्ति को कोई खुर्द न करे, इसके लिए संबंधित जिलों के जिला अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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