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उत्तराखंड

केदारनाथ धाम के खुले कपाट, सीएम तीरथ सिंह रावत ने ट्वीट कर कही ये बात

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देहरादून। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित भगवान केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार को विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद सुबह 5 बजे खोल दिए गए। कपाट खुलने के मौके पर यहां तीर्थयात्री और स्थानीय लोगों की कमी साफ देखी गई।

मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से इस दौरान श्रद्धालु उपस्थित नहीं रह पाए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए लिखा, ”विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज सोमवार को प्रातः 5 बजे विधि-विधान से पूजा-अर्चना और अनुष्ठान के बाद खोल दिए गए। मेष लग्न के शुभ संयोग पर मंदिर का कपाटोद्घाटन किया गया। मैं बाबा केदारनाथ से सभी को निरोगी रखने की प्रार्थना करता हूं।”

अपने दूसरे ट्वीट में तीरथ सिंह रावत ने कहा केदारनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) आदरणीय श्री भीमाशंकर लिंगम् जी की अगुवाई में तीर्थ पुरोहित सीमित संख्या में मंदिर में बाबा केदार की पूजा-अर्चना नियमित रूप से करेंगे। मेरा अनुरोध है कि महामारी के इस दौर में श्रद्धालु घर में रहकर ही पूजा-पाठ और धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करें।

उत्तराखंड

उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा UCC, सीएम धामी ने किया एलान

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऐलान किया कि राज्य में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा देहरादून में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (UIIDB) की बैठक के दौरान की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने संकल्प के अनुसार UCC को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और जनवरी 2025 से इसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।

इसके साथ ही उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादे को पूरा किया जा रहा है। मार्च 2022 में जब राज्य में नई सरकार बनी थी, तो पहले ही मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था।

उन्होंने बताया कि इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने की और इस समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी। उसी रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक-2024 पारित किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इसे अधिसूचित किया गया। सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समानता लाना और खासकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलना है। उन्होंने इसे ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना के अनुरूप बताया।

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