प्रादेशिक
बिहार: देवर ने लाठी मारकर भाभी को किया गम्भीर घायल, इलाज के दौरान मौत
वैशाली। बिहार के वैशाली जिले के बिदुपुर थाना क्षेत्र के रहिमापुर पंचायत वार्ड संख्या 08 में मंगलवार की देर रात को पति पत्नी के बीच हुई झड़प तो देवर ने लाठी मारकर भाभी को गम्भीर रूप से घायल कर दिया। इलाज के लिए पीएमसीएच ले जाने के दौरान बुधवार की भाभी की मौत हो गई हैं। महिला की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है।
घटना के बाद सूचना पर पहुँची पुलिस ने आरोपी देवर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मृतका 44 वर्षीय सुधा देवी अपने पति वीरेंद्र दास से किसी बात को लेकर झगड़ा कर रहे थे, इस दौरान शराबी देवर ने लाठी से मार कर भाभी को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
घायल महिला को परिजन एवं स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में हाजीपुर सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने गंभीर हालात को देखते हुए पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया। पटना ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद शव गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। घटना की सूचना बिदुपुर थाने की पुलिस को मिली तो घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस ने आरोपी देवर को गिरफ्तार कर थाने भेज दिया, और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। घटना के बाद मृतका के बेटा बेटी व परिवार के लोगों का बुरा हाल है।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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