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फैसला: ओमप्रकाश चौटाला को चार साल की जेल और 50 लाख जुर्माना
चंडीगढ़। आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को अदालत ने चार साल की जेल और 50 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि चौटाला ने अपनी बीमारी व मामले के पुराना होने के नाते सहानुभूति बरतने का आग्रह किया था। वहीं सीबीआई ने कहा था कि भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर के समान है, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट को ऐसी सजा देनी चाहिए जिससे समाज में मिसाल दिया जा सके।
जाना होगा जेल
अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला को तीन साल से अधिक की सजा सुनाई है इसलिए उन्हें जेल जाना ही पड़ेगा। हालांकि वह जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं जहां से उन्हें राहत मिल सकती है।
क्या है मामला
सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार चौटाला 1993 और 2006 के बीच 6.09 करोड़ रुपये (आय के अपने वैध स्रोत से अधिक) की संपत्ति एकत्र करने के लिए जिम्मेदार हैं। मई 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने 3.6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी।
चौटाला को जनवरी 2013 में जेबीटी (जूनियर बेसिक शिक्षक) घोटाले में भी दोषी ठहराया गया था। 2008 में चौटाला और 53 अन्य पर 1999 से 2000 तक हरियाणा में 3,206 जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आरोप लगाए गए थे।
जनवरी 2013 में अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दस साल के कारावास की सजा सुनाई थी। चौटाला को 3,000 से अधिक अयोग्य शिक्षकों की अवैध रूप से भर्ती करने का दोषी पाया गया था।
काम न आईं चौटाला के वकील की दलीलें
राऊज एवेन्यू अदालत स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढुल्ल के समक्ष चौटाला की ओर से पेश अधिवक्ता हर्ष शर्मा ने कहा कि उनका मुवक्किल जन्म से विकलांग है और उन्हें जेल में अस्थमा हुआ है।
वे मामले में जेल में रह चुके है और उनकी वर्तमान में आयु 87 साल की है। वे 90 प्रतिशत विकलांग हैं और बिना किसी की मदद के कहीं आ-जा नहीं सकते। चौटाला को स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां हैं व उनका इलाज गुड़गांव के मेदांता में भी इलाज चल रहा है।
उन्हें हार्ट की भी बीमारी है और पेसमेकर भी लगा हुआ है। चौटाला के वकील ने कोर्ट में उनके मेडकिल हिस्ट्री की जानकारी देते हुए कहा उनके फफड़े में भी इंन्फेक्शन है, जिसका इलाज चल रहा है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई आरोपी दिव्यांग है, तो कोर्ट मानवता के आधार पर कम सजा देने पर विचार कर सकता है। चौटाला के वकील ने कहा कि जितने समय तक चौटाला जेल में रहे हैं, उसको भी सजा देते समय विचार किया जाए। कोर्ट सजा पर फैसला देते वक़्त उनकी इस कदर खराब सेहत का भी ख्याल रखे।
चौटाला के वकील ने कहा कि ओपी चौटाला पर 1993-2006 के दौरान आय से अधिक सम्पति अर्जित करने का आरोप है। यह वक्त 20 साल से भी ज्यादा का है। इस दरमियान उन्होंने हमेशा जांच में सहयोग दिया है।
वकील ने कहा कि जेल में चौटाला का अच्छे व्यवहार रहा है और इस केस में अदालत में भी उन्होंने कभी सुनवाई टालने का आग्रह नहीं किया। हमेशा अदालती प्रकिया में सहयोग दिया है।
सीबीआई ने जताई थी ये आपत्ति
सीबीआई ने बचाव पक्ष के तर्कों पर आपत्ति जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को अधिकतम सजा देने की मांग की थी। सीबीआई वकील ने कहा कि दोषी स्वास्थ्य का हवाला देकर सजा कम करने की मांग नहीं कर सकता।
भ्रष्टाचार कम करने के लिए कानून के मुताबिक सजा होनी चाहिए। दोषी की एक पत्नी है और 2 बड़े बच्चे हैं। इनके ऊपर कोई निर्भर नहीं है।
सीबीआई के वकील ने कहा भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर के समान है, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट को ऐसी सजा देनी चाहिए जिससे समाज में मिसाल दिया जा सके।
उन्होंने कहा दोषी एक सार्वजनिक व्यक्ति है। सजा कम हुई तो समाज में गलत संदेश जाएगा। इतना ही नहीं चौटाला को दूसरी बार दोषी ठहराया गया है और उनकी छवि साफ नहीं है।
उत्तर प्रदेश
दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।
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