Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

WB SSC SCAM : फ्लैट नंबर 503 का राज जानने में अब तक नाकाम है ED

Published

on

Loading

कोलकाता। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी का एक्शन ‘नोटों के पहाड़’ और तमाम कागजों के मिलने के बीच फ्लैट नंबर 503 पर आकर रुक गई है। ईडी की टीम यह सुराग लगाने में जुटी है कि आखिर इस फ्लैट का राज क्या है, लेकिन इसे खोलने में कामयाबी नहीं मिल रही है।

पांडित्या रोड अपार्टमेंट के इस फ्लैट में गुरुवार को एक बार फिर ईडी की टीम पहुंची थी, लेकिन इसका ताला नहीं खुलवाया जा सका। ईडी की टीम सबसे पहल रबिंद्र सरोवर पुलिस थाने पहुंचे। वहां पुलिसकर्मियों और ताला खोलने वाले को साथ लेकर ईडी की टीम फ्लैट पर गई। इस दौरान दरवाजा तोड़ने की कोशिश भी बेकार साबित हुई।

इसके बाद अफसरों ने एसोसिएशन के सेक्रेट्री से संपर्क किया। सेक्रेट्री ने उन्हें बिल्डिंग के लिए ताला बनाने वाले से भी मिलवाया, इसके बावजूद अफसरों को कामयाबी नहीं मिली। रिपोर्ट के मुताबिक पड़ोसियों का कहना है कि इस फ्लैट में करीब पांच साल से ताला बंद है। हालांकि कई बार मालिकों के बदलने से अब इसकी चाबी ढूंढने में मुश्किल आ रही है।

2012 से है जान-पहचान
ईडी अफसरों का मानना है कि भले ही इस प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री अलग-अलग लोगों के नाम पर है लेकिन यह पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की बेनामी संपत्ति है। अभी तक ईडी को इस मामले में एक कंपनी के कागजात मिले हैं जो पार्थ और अर्पिता की पार्टनरनशिप में 2012 से चल रही है।

इसके अलावा दो ज्वॉइंट बैंक अकाउंट्स जिनसे उस कंपनी के लिए चार फ्लैट खरीदे गए, शांति निकेतन में 2012 में खरीदी गई जमीन के पेपर, और अर्पिता के नाम की 31 इंश्योरेंस पॉलिसीज, जिनमें पार्थ नॉमिनी हैं भी ईडी को मिली हैं। इससे साबित होता है कि साल 2012 से इन दोनों की जान-पहचान है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

Published

on

Loading

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

Continue Reading

Trending