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मुख्य समाचार

पश्चिम बंगाल: शिक्षक भर्ती घोटाले में एक और मंत्री को ममता ने दिखाया बाहर का रास्ता

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले ने राज्य सरकार उथल पुथल मचा दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस घोटाले की वजह से मंत्रिमंडल में फेरबदल करना पड़ा है। घोटाले के मुख्य आरोपी पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से बर्खास्त करने के बाद ममता ने राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे परेश अधिकारी को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है। घोटाले में अधिकारी का नाम भी आता रहा है।

परेश अधिकारी पर आरोप
ममता सरकार में राज्यमंत्री रहे परेश अधिकारी पर आरोप हैं कि उन्होंने अवैध तरीके से अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में शिक्षक के तौर पर नियुक्त कराया था। इस मामले में उनके खिलाफ FIR भी दर्ज हो चुकी है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी उनकी बेटी को नौकरी छोड़ने के आदेश दिए हैं। मई में कोर्ट के आदेश में अधिकारी की बेटी को दो साल की सैलरी भी लौटाने के लिए कहा गया था। आरोप हैं कि SSC की तरफ से लिस्ट में हेराफेरी के बाद अधिकारी की बेटी अंकिता को नौकरी मिली थी।

किसकी हुई एंट्री कौन हुआ आउट
बुधवार को सीएम बनर्जी ने मंत्री परिषद में 8 नए चेहरों को जगह दी है। साथ ही उन्होंने 4 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। राज भवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल ला गणेशन ने कैबिनेट रैंक के 5 मंत्रियों, 2 राज्य मंत्रियों और 2 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई।

अधिकारी के अलावा बाहर जाने वालों में सुमन महापात्रा, रत्ना दे नाग और हुमायूं कबीर का नाम शामिल है। वहीं, बाबुल सुप्रियो, उदयन गुहा, पार्थ भौमिक, स्नेहाशीष चक्रवर्ती और प्रदीप मजूमदार ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। जबकि, ताजमुल हुसैन और सत्यजीत बर्मन को राज्य मंत्री बनाया गया है। विधायक बिप्लब रे चौधरी ने बीरबाहा हंसदा के साथ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ ली।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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