Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? यहां जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Published

on

Margashirsha Purnima 2023

Loading

नई दिल्ली। पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि साल 2023 की आखिरी पूर्णिमा रहेगी। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि 26 दिसंबर 2023 को है। इस पूर्णमि पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। पूर्णिमा का व्रत रखने से व्यक्ति को सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन शुक्ल योग, ब्रह्म योग का शुभ संयोग रहने वाला है। इन दोनों शुभ ग्रहों के बीच व्रत रखने वाले व्यक्ति को भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव से कमी आएगी।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 26 दिसंबर 2023 को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर होगी और 27 दिसंबर सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। उदय तिथि में पूर्णिमा 26 तारीख को होने के कारण पूर्णिमा का व्रत 26 सितंबर को ही रखा जाएगा।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन क्या करें

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें यदि आप नदी में स्नान करने में विफल रहते हैं तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें। साथ ही इस दिन भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा करें।

भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल वस्त्र पीली मिठाई आदि चीजें अर्पित करें। साथ ही इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा पढ़ना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में खुशहाली और सुख संपत्ति बनी रहती है।

इसके अलावा मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र नदी में स्नान करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन किए गए दान बाकी पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना अधिक फलदायी है।

Continue Reading

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

Published

on

Loading

लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

Continue Reading

Trending