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उत्तर प्रदेश

मुख्तार-अतीक को गोद में बिठाने वाले क्या जानेंगे मठाधीश और माफिया का अंतर

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लखनऊ | सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान पर सूबे के साधु-संत नाराज हो गए। धर्माचार्यों ने अखिलेश पर आरोप मढ़ा कि मुख्तार-अतीक को गोद में बिठाने वाले मठाधीश- माफिया का अंतर और मठ-मंदिर की मर्यादा क्या जानेंगे। संतों ने कहा कि मानसिक संतुलन खो बैठे अखिलेश को ईश्वर सद्बुद्धि प्रदान करें। मठाधीश को माफिया से जोड़ना निकृष्टता का परिचायक है।

मठाधीश की तुलना सनातन धर्म में भगवान से की गई है

अखिलेश यादव का बयान बेहद निंदनीय है। योगी जी जिस गद्दी के पीठाधीश्वर हैं, वह बहुत पूज्यनीय है। मठाधीश तो सभी संत होते हैं, सबकी गद्दी होती है। अखिलेश यादव का ऐसा कहना गलत बात है। मठाधीश की तुलना सनातन धर्म में भगवान से की गई है। मठाधीश को माफिया से जोड़ना निकृष्टता का परिचायक है।
महंत दुर्गा दास..श्री पंचायती अखाड़ा उदासीन निर्वाण

ईश्वर अखिलेश को सद्बुद्धि दें

मठाधीश तो वो भी हैं, राज सत्ता वो भी चलाते हैं। अखिलेश अगर कह रहे हैं कि मठाधीशों और माफिया में कोई अंतर नहीं है तो पहले वह अपने को देखें। उन्होंने क्या किया है? जिसके पिता ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं, जिनके मंत्री श्रीराम के बारे उल्टी सीधी बातें करें। उनकी मंशा मठों के प्रति क्या होगी, यह सब समझ सकते हैं। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें।
महंत योगेश पुरी महाराज, श्री मन:कामेश्वर मंदिर, आगरा

मानसिक संतुलन खो बैठे हैं अखिलेश

अखिलेश यादव मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। जिसके पिता ने अपने शासन में अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं। उनका रक्त बहाया। जिन्होंने मुख्तार और अतीक अहमद जैसे माफिया को गोद में बिठाकर उनका संरक्षण किया, उन्हें मठाधीश और माफिया में फर्क कैसे समझ आएगा।यमुना पुरी, सचिव श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी

माफिया विध्वंस और मठाधीश सर्वे भवन्तु सुखिनः का भाव रखता है

अखिलेश यादव को लुटेरों व सज्जनों में अंतर नहीं पता है। यह तुलनात्मक दृष्टिकोण से तनिक भी ठीक नहीं है। माफिया विध्वंस-असामाजिक कार्यों में शामिल होता है और मठाधीश संस्कृति बचाने के लिए सार्वभौमिक जनकल्याण में लगा रहता है। उसका प्रथम ध्येय सर्वे भवन्तु सुखिनः होता है। मठाधीश भारतीय संस्कृति का संवर्धन करते हैं। यूपी का नेतृत्व कर चुके अखिलेश यादव का यह बयान अशोभनीय है।

वरुण दास जी महराज, हनुमानगढ़ी

विश्व को शिक्षित-संस्कारवान बनाते हैं मठाधीश

जिस प्रदेश में सर्वाधिक संतों का निवास हैं, वहां के पूर्व मुख्यमंत्री का यह दुर्भाग्यपूर्ण बयान है। उन्हें मठाधीश व माफिया का अंतर बिल्कुल भी नहीं पता है। माफिया अराजकता फैलाकर समाज को पीड़ा देते हैं, जबकि मठाधीश मठ-मंदिर के माध्यम से संस्कार-संस्कृति फैलाते हैं और विश्व को शिक्षित-संस्कारवान बनाते हैं।

डॉ. देवेशाचार्य जी महाराज, हनुमानगढ़ी

अखिलेश यादव के विरुद्ध अभियान भी चलाएगा संत समाज

अखिलेश यादव का बयान राजनीति में नीचता की पराकाष्ठा है। राजनीति में दुष्चरित्र व्यक्तियों को परिवार मानने वाले से और क्या अपेक्षा की जा सकती है। यह सनातन धर्म व हिंदू धर्माचार्यों से उनकी नफरत को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश की जनता माफिया के इन दलालों को ठीक समय पर जवाब देगी। आवश्यकता पड़ने पर संत समाज अखिलेश यादव के विरुद्ध अभियान भी चलाएगा।

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, राष्ट्रीय महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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