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उत्तर प्रदेश

यति नरसिंहानंद ने की महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी, केस दर्ज

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गाजियाबाद। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने राष्टपिता महात्मा गांधी को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है। जिसके चलते उनके खिलाफ केस दर्ज हो गया है। यति ने गांधी जी को हजारों हिंदुओं का कातिल बता डाला और कई अपशब्द कहे। वीडियो वायरल होने के बाद गाजियाबाद के मसूरी थाने में पुलिस ने यति के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

यति नरसिंहानंद पहले भी अपने भड़काऊ और आपत्तिजनक बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। हाल ही में जेल भी जा चुके हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो पर संज्ञान लेते हुए मसूरी पुलिस ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज किया है।

मसूरी पुलिस के मुताबिक ट्विटर पर दो मिनट 20 सेकेंड की एक वीडियो डाली गई। इसमें डासना देवी मंदिर के महंत और श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने राष्ट्र पिता महात्मा गांधी पर टिप्पणी की है।

‘गांधी की वजह से हिंदुओं के पास अपनी जमीन नहीं’

वीडियो में उन्होंने ने असम्मानजक संबोधन करते हुए महात्मा गांधी को हजारों हिंदुओं का कातिल बताया है। यति नरसिंहानंद ने वीडियो में कहा है कि वह पूरे भारत में अभियान चलाने वाले हैं। महात्मा गांधी की वजह से सौ करोड़ हिंदुओं के पास आज एक इंच जमीन भी अपनी नहीं है और उन्हीं की वजह से आज भी हमारे संत, महात्मा जेल जा रहे हैं।

राष्ट्रपिता के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल

मसूरी थाने में तैनात उपनिरीक्षक डॉ. रामसेवक ने दर्ज कराई रिपोर्ट में अन्य आपत्तिजनक टिप्पणी में महात्मा गांधी के चरित्र पर भी सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्हें अंग्रेजों व दूसरे समुदाय का दलाल बताया है।

यति नरसिंहानंद गिरी के इस बयान से समाज में शांति और कानून व्यवस्था भंग होने की संभावना जताते हुए उप निरीक्षक ने केस दर्ज कराने के लिए लिखित शिकायत दी। एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा का कहना है कि यति नरसिंहानंद गिरी के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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