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उत्तर प्रदेश

बुंदेलखंड की संस्कृति को सहेजेगी योगी सरकार, किलों का होगा कायाकल्प

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लखनऊ। उप्र की योगी सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। बुंदेलखंड के किलों और इसके आसपास पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं के सृजन के लिए सरकार तैयारी कर रही है। इन्हीं तैयारियों के दृष्टिगत निजी कंपनी एएनबी कंसल्टैंट ने एक प्रस्ताव तैयार किया है।

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इस प्रस्ताव के तहत बुंदेलखंड के किलों के कायाकल्प के साथ-साथ इस क्षेत्र की संस्कृति, यहां की बोली भाषा और कला को भी सहेजा जाएगा। साथ ही, यहां वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को भी शुरू किया जाएगा ताकि पर्यटक किलों के साथ इन गेम्स के जरिए अपने ट्रिप को इंज्वॉय कर सकें।

पीपीपी के माध्यम से किए जाने वाले विकास कार्यक्रम से जुड़े इस प्रस्ताव को फिलहाल मुख्य सचिव के समक्ष पेश किया जा चुका है और अब मुख्यमंत्री के समक्ष इसे रखा जाएगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद इस प्रस्ताव को अमली जामा पहनाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

बरुआसागर फोर्ट के समीप वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को बढ़ावा

प्रस्ताव के अनुसार बुंदेलखंड में बरुआसागर किले का कायाकल्प किया जाएगा। इसके लिए 205 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें विभिन्न टूरिज्म एक्टिविटीज के अलावा वाटर स्पोर्ट्स के लिए भी 18 करोड़ का खर्च होगा। वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इसमें कैंपिंग, ट्रेकिंग, हाइकिंग, पिकनिक व रूरल डाइनिंग के अलावा एडवेंचर स्पोर्ट्स का समावेश होगा।

वाटर स्पोर्ट्स के तहत रिंगोराइड, पैरा सेलिंग, वेकबोर्डिंग, नीबोर्डिंग, कयाकिंग, जेट स्कींग जैसे गेम्स शामिल रहेंगे। इसके अलावा दशहरा, मकर संक्रांति, जल विहार, फाग लोक नृत्य व संगीत, आल्हा उदल के नाटक और राय लोक नृत्य पर भी ध्यान दिया जाएगा। यहां आने वाले पर्यटक इन गतिविधियों में शामिल होंगे।

भूरागढ़ फोर्ट में डेस्टिनेशन वेडिंग पर रहेगा जोर

इसी तरह भूरागढ़ फोर्ट के कायाकल्प का भी प्लान है। इसकी प्रोजेक्ट कॉस्ट 94 करोड़ रुपए है। इस क्षेत्र को वाटर स्पोर्ट्स के अलावा डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए तैयार किए जाने की योजना है। यह काम भी पीपीपी मॉडल पर होगा। डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए 20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

98 करोड़ की लागत वाले रानगढ़ फोर्ट को भी वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किया जाएगा। इस पर भी 20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके जरिए फोर्ट को ओपेन बैंक्वेट एरिया के तौर पर सजाया जाएगा और नदी के साइड एरिया पर वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज के लिए रिजर्व रखा जाएगा।

मस्तानी महल में विकसित होगा हेरिटेज होटल

महोबा के मस्तानी महल, बेलाताल को हेरिटेज होटल और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए विकसित किए जाने की योजना है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 118 करोड़ रुपए है, जबकि हेरिटेज होटल के लिए 35 करोड़ और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए 35 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी तरह, झांसी के चंपत राय पैलेस को म्यूजियम के तौर पर विकसित किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट की टोटल कॉस्ट 30.50 करोड़ है, जबकि म्यूजियम के लिए 5 करोड़ खर्च होंगे।

अलग-अलग गतिविधियों पर फोकस

अलग-अलग किलों के पास अलग-अलग तरह की गतिविधियों पर फोकस किया गया है। एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए किलों के हिलटॉप पर हॉट एयर बैलून, नदियों के किनारे बने किलों पर राफ्टिंग और बोटिंग, झीलों के करीब बने किलों पर कयाकिंग, वाटर स्की जैसे वाटर स्पोर्ट्स और जंगलों में बने किलों में कैंपिंग और हाइकिंग जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

इसके अलावा त्योहारों, मेलों, फोक डांस और ड्रामा को भी आगे बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा म्यूजियम का विकास, लोकल क्राफ्ट और क्यूजीन के अलावा नदी-झील के विकास, कनेक्टिविटी पर जोर दिया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान की पहचान, कोई बिखर तो कोई निखर जाता है: सीएम योगी

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लखनऊ |  संकट में हर व्यक्ति और संस्थान की पहचान होती है। जब अचानक कोई चुनौती आती है तो लोग बड़े-बड़े दावे करके मैदान छोड़ भाग जाते हैं। यह वह समय होता है, जब कोई बिखर जाता है और जो चुनौतियों का सामना करता है वो निखर जाता है। हमें बिखरना नहीं है। केजीएमयू के गौरव को बढ़ाना है। ध्यान रहे कि कोई भी मरीज निराश न जाए। सीएम ने कहा कि संस्थान नई-नई सेवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्ष 1905 में जब मेडिकल कॉलेज खुलने की बात आई होगी तो उस समय रियासतों ने सहयोग किया होगा। 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से मेडिकल कॉलेज शुरू हो गया। वहीं संस्थान आज अपनी शानदार यात्रा के साथ देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के रूप में अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। आज केजीएमयू का दायरा लगभग 100 एकड़ के क्षेत्रफल में होने जा रहा है। यह शानदार सफर ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा।

यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने शनिवार को केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह में 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन ने संस्थान को सब कुछ दिया है। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। हमें सेवाओं को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिये। संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा, ताकि संस्थान के गौरव को और आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान केजीएमयू में मिसाल पेश की है। सीएम ने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था, लेकिन जांच में वह निगेटिव मिले। इस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया जबकि केजीएमयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरुप पूरी तत्परता से काम किया। परिणाम हम सभी के सामने हैं। उन्होंने कहा कि यहां मेडिकल की सबसे अधिक सीटें हैं, जहां पर छात्र पढ़ाई करके आने वाले समय में चिकित्सा संस्थान की उपलब्धियों को और भी आगे लेकर जाएंगे। सरकार ने भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों और लैब के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अलावा 377 करोड़ रुपये से सर्जरी डिपार्टमेंट की एक नई बिल्डिंग के लिए स्वीकृत की है। वहीं फायर सिक्योरिटी के लिए लगभग 46 करोड़, लारी कॉर्डियोलॉजी के विस्तार के लिए 70 करोड़ रुपये दिये हैं।

बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है, इसका ध्यान रखें डॉक्टर्स और स्टाफ

सीएम योगी ने संस्थान के चिकित्सकाें को मरीजों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू, टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने पर विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, इलाज में पैसा समस्या नहीं है। दिनचर्या से आज मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। दूसरी बीमारी स्मार्ट फोन बन गई है। इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार किया जाना चाहिये। साथ ही इसे रोकने के लिए जागरुकता फैलानी होगी। सीएम ने कार्डियक सर्जरी, किडनी- आर्गन ट्रांसप्लांट के साथ डोनेशन पर तेजी के साथ विस्तार करने की अपील की। बोले-इसके बारे में लोगों के मन में एक चेतन को जागृत करने की आवश्यकता है। उन्हे बताने की आवश्यकता है कि कोई व्यक्ति अगर ब्रेन डेड हो गया है और उसके अंग अगर किसी दूसरे व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं तो डोनेट करने में क्या बुराई है। इसे लेकर केजीएमयू को अवेयरनेस कैंप, विभिन्न कार्यक्रम, होर्डिंग और पंफलेट आदि के जरिये जागरुकता की ओर ध्यान देना चाहिये। सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस विभाग का पैसा खर्च नहीं हो पाता है। इस ओर ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदना होती है। सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का काम और व्यवहार भी ठीक होगा। बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है। ऐसे में सेवा और शिक्षा दोनों फील्ड में यह मानक तय करने होंगे।

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सीएम योगी को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक आईआईटी कानपुर प्राेफेसर मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन आदि की उपस्थिति रही।

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