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उत्तर प्रदेश

अयोध्या में इस तारीख से नहीं कर पाएंगे प्रवेश, सुरक्षा कारणों के चलते प्रशासन का यह है प्लान

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Ram Mandir Pran Pratishtha

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अयोध्या। रामनगरी अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है लेकिन इससे से पहले 21 जनवरी से ही मंदिर स्थल पर धार्मिक आयोजन शुरू हो जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश-विदेश के कई वीवीआईपी और राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े लोग शामिल होंगे।

धार्मिक आयोजन और सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए 20 जनवरी से मंदिर स्थल में आम लोगों की आवाजाही पर रोक लग जाएगी। 23 जनवरी से आम लोगों के लिए मंदिर को खोला जाएगा। गुरुवार को अयोध्या में सुरक्षा और अन्य इंतजामों को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह तय किया गया है।

अधिकारियों के मुताबिक, अतिसंवेदनशील स्थल होने के कारण अयोध्या में बाहर से आने वाले एक-एक व्यक्ति का सत्यापन होगा। सभी होटल, धर्मशाला और रुकने के अन्य स्थानों के आसपास सघन चेकिंग अभियान चलाए जाएंगे।

जिन लोगों के पास प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं होगा, उन्हें अयोध्या में आने की अनुमति ही नहीं मिलेगी। सभी होटलों, धर्मशालाओं और होम स्टे का ब्योरा जुटाकर वहां हुई एडवांस बुकिंग की जानकारी खंगाली जा रही है। ऐसी किसी भी बुकिंग को निरस्त करा दिया जाएगा जो आमंत्रित नहीं है।

10 ड्रोन से होगी निगरानी

22 जनवरी को कार्यक्रम स्थल पर 10 ड्रोन से हवाई निगरानी रखी जाएगी। इस दौरान पुलिस के ड्रोन के अलावा किसी और ड्रोन को उड़ने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। अयोध्या के सभी एंट्री पॉइंट पर सघन सुरक्षा इंतजाम होंगे। स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार, एडीजी जोन लखनऊ पीयूष मोर्डिया और आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार ने गुरुवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में सुरक्षा इंतजामों को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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