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राजनीति

कांग्रेस पार्टी के 5 बार विधायक मतीन अहमद आम आदमी पार्टी में शामिल

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने मतीन के घर जाकर उन्हें पार्टी में शामिल करवाया। इस दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन भी मौजूद थे। 5 बार विधायक रह चुके मतीन अहमद को अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। 10 दिन पहले ही ब्रह्म सिंह तंवर बीजेपी छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं। इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इससे पार्टी की मजबूती बढ़ रही है और दिल्ली में लगातार तीसरी बार आम आदमी पार्टी सरकार बना सकती है।

बता दें कि मतीन अहमद 1993 से 2015 के दौरान सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में पांच बार विधायक रहे हैं। वह दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष भी रहे हैं। उन्हें शीला दीक्षित के सीएम रहते हुए दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष भी बनाया गया था। दिल्ली मुस्लिम मतदाता प्रभाव वाले करीब दस विधानसभा क्षेत्रों में इनकी पकड़ अच्छी मानी जाती है।

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नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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