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प्रादेशिक

महाराष्ट्र में ओमीक्रॉन के 7 नए मामले दर्ज, साढ़े तीन साल का बच्चा भी शामिल

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शुक्रवार को महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के 7 नए मामले दर्ज किए गए। इनमे एक साढ़े तीन साल का बच्चा भी शामिल है। 7 नए मामले सामने आने से अब राज्य में ओमीक्रॉन से संक्रमित मरीज़ों की संख्या 17 हो गई है। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में कोरोना से संक्रमित 695 नए केस दर्ज किए गए हैं।

ओमीक्रॉन के 7 नए मामले दर्ज 

राज्य की राजधानी मुंबई से 3 मामले सामने आए हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की हालिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य में सात नए ओमिक्रोन मामले सामने आए हैं, जिनमें से तीन मुंबई से और चार पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम से हैं।

तंजानिया से लौटा यात्री धारावी का निवासी

स्वास्थ विभाग ने कहा, ‘मुंबई के तीन मरीज क्रमशः तंजानिया, यूके और दक्षिण अफ्रीका-नैरोबी के सभी पुरुष हैं।’ नगर निगम ने जानकारी दी कि ‘तंजानिया से लौटा यात्री घनी आबादी वाले धारावी स्लम क्षेत्र का निवासी था, लेकिन समुदाय में घुलने-मिलने से पहले वो आइसोलेट था।’

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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