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अन्तर्राष्ट्रीय

फ्रांस के नए प्रधानमंत्री चुने गए फ्रांस्वा बायरू

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नई दिल्ली। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने देश के नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति कर दी है। 73 वर्षीय फ्रांस्वा बायरू अब फ्रांस के नए पीएम होंगे। बायरू को मध्यमार्गीय नेता के तौर पर जाना जाता है। वह इस साल ही देश में प्रधानमंत्री बनने वाले चौथे नेता होंगे। मैक्रों के मध्यमार्गी गठबंधन में महत्वपूर्ण साझेदार 73 साल के बायरू दशकों से फ्रांस की सियासत में अहम स्थान रखते रहे हैं। उनके सियासी अनुभव को देश में स्थिरता बहाल करने की कोशिशों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि नेशनल असेंबली में किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।

इमैनुएल मैक्रों इस वक्त मध्यमार्गीय मोडेम पार्टी के प्रमुख हैं। और दक्षिण-पश्चिम फ्रांस के कद्दावर नेताओं में से हैं। वह पूर्व में फ्रांस के शिक्षा मंत्री और दक्षिण-पश्चिम में स्थित पऊ शहर के मेयर भी रह चुके हैं। वह 2017 में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की बंपर जीत के बाद से ही उनके करीबी साथी रहे हैं। बायरू इस साल फ्रांस के चौथे प्रधानमंत्री हैं। देश में बंटी हुई संसद के चलते किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। वामपंथी दलों को जून में हुए चुनाव में अच्छे खासे वोट मिले थे। हालांकि, राष्ट्रपति मैक्रों अल्पमत की सरकार के गठन के लिए मजबूर हुए थे।

बायरू के सामने भी चुनौतियां कम नहीं

बता दें कि मैक्रों ने पिछले सप्ताह 2027 में अपने कार्यकाल के अंत तक पद पर बने रहने का संकल्प जताया था। मैक्रों के दफ्तर की तरफ से जारी एक बयान में कहा कि बायरू को ‘नई सरकार बनाने का जिम्मा सौंपा गया है।’ उम्मीद है कि बायरू आने वाले दिनों में नए मंत्रियों के चयन के लिए अलग-अलग दलों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। यह काम काफी चैलेंजिंग लग रहा है क्योंकि मैक्रों के मध्यमार्गी गठबंधन के पास संसद में बहुमत नहीं रह गया है और बायरू के कैबिनेट को सत्ता में बने रहने के लिए वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों पक्षों के उदारवादी सांसदों पर निर्भर रहना होगा। कुछ रूढ़िवादियों के भी नई सरकार का हिस्सा बनने की उम्मीद है।

 

 

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में मिला 28 लाख तोला सोना, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 600-700 अरब पाकिस्तानी रुपये

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने मंगलवार को दावा किया कि उसने प्रांत में 700 अरब पाकिस्तानी रुपये से अधिक मूल्य के ‘‘सोने के बड़े भंडार’’ का पता लगाया है. पंजाब के खान एवं खनिज मंत्री सरदार शेर अली गोरचानी ने कहा, ‘‘हमने पंजाब के अटक जिले में 28 लाख तोला सोना खोजा है.’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पिछले साल अटक में सोने के भंडार पर एक अध्ययन शुरू किया था और वहां भारी मात्रा में सोना होने का पता लगाया था.

मंत्री ने दावा किया, ‘‘अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भंडार की कीमत 600-700 अरब पाकिस्तानी रुपये है.’’

उन्होंने कहा कि सरकार ने सोने के भंडार की नीलामी के लिए नियम बना दिए हैं और यह प्रक्रिया एक महीने में शुरू हो जाएगी. पाकिस्तान के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इस संबंध में अटक में 127 स्थलों पर नमूना संग्रह किया है.

पाकिस्तान की स्थिति अब हो जाएगी बेहतर!

ऐसा कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति अब थोड़ी सुधर सकती है. अगर किसी देश की करेंसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर है, तो सोने का भंडार उस देश की क्रय शक्ति और उसकी आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में मदद करता है. 1991 में जब भारत की इकोनॉमी डूब रही थी और उसके पास सामान इम्पोर्ट करने के लिए डॉलर नहीं थे तो उसने सोने को गिरवी रख पैसे जुटाए थे और इस फाइनेंशियल क्राइसिस से बाहर आया था.

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