प्रादेशिक
प्रदेश में कुल एक्टिव केसों की संख्या अब घटकर 2,25,271 हो गई हैः नवनीत सहगल
लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति पर कार्य करने से कोविड संक्रमण के नियंत्रण में अच्छे परिणाम मिल रहे है। उन्होंने बताया कि 01 मई, 2021 को प्रदेश में कुल एक्टिव केसों की संख्या 3,01,833 थी, जो लगभग 77,000 घटकर सोमवार को 2,25,271 हो गयी है। इसी तरह प्रदेश में नये मामलों की संख्या 01 मई, 2021 के 30,317 से घटकर आज 21,331 हो गयी है। प्रदेश में 01 मई को 2 लाख 79 हजार लोग होमआइसोलेशन में थे जिनकी संख्या घटकर 1 लाख 66 हजार हो गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोेविड-19 के प्रतिदिन 2 लाख से अधिक टेस्ट किये जा रहे है।
सहगल ने बताया कि सर्विलान्स के माध्यम से घर घर जा कर लोगों से कोविड के लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। सर्विलान्स के माध्यम से प्रदेश में अब तक 16.66 करोड़ से अधिक लोगों तक पहँुच कर उनका हाल-चाल जाना गया है। उन्होंने बताया कि सर्विलान्स के साथ-साथ 97 हजार राजस्व गाँवों में लोगों से सम्पर्क करते हुए कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट तथा उन्हें मेडिकल किट प्रदान की जा रही है। गाँव में निगरानी समिति के द्वारा गाँव में रहने वाले लोगों से सम्पर्क कर कोविड लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों की आरआरटी टीम द्वारा एन्टीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि गाँव में संक्रमणयुक्त लोगों को होमआइसोलेशन में रखने के लिए गाँव में ही पंचायत भवन/स्कूल/सरकारी इमारतों मंे आइसोलेट करके उनका उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 18 से 44 वर्ष के आयु के लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक लोगों का कोविड वैक्सीनेशन किया जा रहा है। जिसके तहत अब तक 1 करोड़ से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। 18 से 44 वर्ष के आयु के लोगों के वैक्सीनेशन 7 जनपदों से बढ़ाकर अब 18 जनपदों में किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा कल वाराणसी में कोविड-19 के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी एवं डीआरडीओ द्वारा निर्मित कोविड अस्पताल का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिये गये है। इसी क्रम में आज मुख्यमंत्री जी द्वारा गोरखपुर में एम्स तथा बीआरडी मेडिकल काॅलेज की समीक्षा एवं निरीक्षण किया गया है। आज ही मुख्यमंत्री जी अयोध्या में कोविड-19 की समीक्षा कर रहे है तथा मौके पर जाकर निरीक्षण करेगें।
उन्होंने बताया कि प्रदेशव्यापी आंशिक कोरोना कर्फ्यू के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आंशिक कोरोना कर्फ्यू में वैक्सीनेशन, औद्योगिक गतिविधियों, मेडिकल सम्बन्धी कार्य आदि आवश्यक अनिवार्य सेवाएं यथावत जारी रहेंगी। आंशिक कोरोना कर्फ्यू की अवधि में पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड बेडांे की संख्या निरन्तर बढ़ायी जा रही है। इसी क्रम में नाॅन आक्सीजन बेड को आक्सीजनयुक्त बेड में बदला जा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे है। साथ ही 21,000 आक्सीजन कन्संटेªटर खरीदे जा रहे है। कल अस्पतालों में 1003 मीट्रिक टन आक्सीजन की सप्लाई की गयी है। उन्होंने बताया कि होमआइसोलेशन के मरीजों को आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए प्रत्येक जनपद में एक रीफिलर नामित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां तेजी से चलायी जा रही हैं। लगभग 08 लाख से अधिक पंजीकृत औद्योगिक इकाइयों द्वारा मजदूरों को काम दिया जा रहा है। इन औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क बनाये गये हैं। इसके अलावा जिन औद्योगिक संस्थानों में 50 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे ऐसे औद्योगिक संस्थानों में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। जिससे वहां पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को समय से इलाज मिल सके।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहूं खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहँू क्रय अभियान में अब तक 20,24,876.54 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है, जो विगत वर्ष से दुगुना है। उन्होंने बताया कि कृषि सम्बन्धी गतिविधियों को कोरोना कफ्र्यू से मुक्त रखा गया है। सहगल ने लोगों से अपील की है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
उत्तर प्रदेश
हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी
महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।
हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।
आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।
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