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उत्तराखंड

आखिरकार कौन होगा उत्तराखंड का सीएम? सीएम के नाम पार आज लगेगी मुहर

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उत्तराखंड में विधान सभा चुनाव जीतकर बीजेपी ने इतिहास रच दिया है। लेकिन इस पहाड़ी राज्य का मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा ये अभी तक साफ नहीं है। इसकी वजह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार जाना है।

इसी के मद्देनज़र आज यानी सोमवार को उत्तराखंड में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। देहरादून में होने वाली इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह केंद्रीय पर्यवेक्षक और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी सह पर्यवेक्षक के रूप में शिरकत करेंगी। उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला आज हो जाएगा।

मुख्यमंत्री बनने की रेस में कौन-कौन?

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी सबसे आगे हैं। रविवार को यूपी, गोवा और उत्तराखंड में सरकार गठन को लेकर पीएम मोदी ने अहम बैठक की। इसमें गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। उत्तराखंड के भावी सीएम के तौर पर पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नाम पर विचार किया जा रहा है।

बता दें कि उत्तराखंड में 14 फरवरी को हुए विधान सभा चुनाव में बीजेपी 70 में से 47 सीटों पर जीत हासिल कर लगातार दूसरी बार सत्तासीन होने जा रही है। ‘उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार’ के नारे के साथ विधान सभा चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को धामी के अपनी परंपरागत सीट खटीमा से हारने के बाद नेतृत्व को लेकर नए सिरे से निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ा है।

उत्तराखंड

कांग्रेस ने ओबीसी समाज को सिर्फ वोट बैंक समझा, ओबीसी समाज की असली चिंता भाजपा ने की है: पुष्कर सिंह धामी

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि भाजपा ने मेयर प्रत्याशी के रूप में ईमानदार और युवा प्रत्याशी को टिकट दिया है। पार्टी के निर्णय पर अब जनता 23 जनवरी को मुहर लगाएगी। मुख्यमंत्री ब्रह्मपुरी के छठ पार्क में सोमवार देर शाम भाजपा के ओबीसी सम्मेलन में पहुंचे थे।इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी समाज को सिर्फ वोट बैंक समझा, ओबीसी समाज की असली चिंता भाजपा ने की है। भाजपा चाहती है कि प्रदेश में ओबीसी समाज मुख्यधारा में आए। इसलिए इस बार निकाय चुनाव में मेयर-अध्यक्ष की 30 सीटें ओबीसी समाज के लिए आरक्षित की गईं, जो साहसिक फैसला है।

उन्होंने कहा कि भाजपा गरीब, पिछड़ों और वंचितों की हितधारक सरकार है। उन्होंने आगे कहा कि दून में बस्तियों को उजाड़ने की बात कहकर कांग्रेस भ्रम फैला रही है, जिसमें भी ओबीसी समाज की चिंताएं बढ़ी हैं। लेकिन, वे दोहराना चाहते हैं कि भाजपा ऐसा नहीं होने देगी। भाजपा उजाड़ने में नहीं, बसाने में यकीन रखती है।

यह ओबीसी समाज के वोटों की ताकत ही है कि भाजपा विकल्प रहित सरकार के संकल्प को लेकर आई। इस मौके पर भाजपा प्रत्याशी सौरभ थपलियाल, रेशम फेडरेशन अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत, अशोक वर्मा, सतीश कश्यप, श्रद्धा सेठी, जसवीर सिंह, आलोक कुमार, कमलेश रमन, ओमप्रकाश मलिक, तेजपाल सैनी, एसपी यादव, ओमवीर सैनी, विपिन लोधी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजपुर रोड स्थित सनराइज होटल में सिख और पंजाबी समुदाय के बीच मेयर प्रत्याशी सौरभ थपलियाल को वोट देने की अपील के साथ पहुंचे। देर रात हुए सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सौरभ को मेयर के पद पर निर्वाचित करते ही दूनवासी ट्रिपल इंजन सरकार के सहभागी बन जाएंगे। प्रदेश-शहर के विकास कार्यों में गति आएगी।

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