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मुंबई के मीरा रोड के बाद अब मोहम्मद अली रोड पर गरजा बुलडोजर, जानें क्यों हुआ एक्शन

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After Mumbai's Mira Road

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मुंबई। मुंबई के मीरा रोड पर 21 जनवरी को हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र सरकार ने बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की है। मीरा भायंदर नगर निगम (MBMC) द्वारा ठाणे जिले में मीरा रोड पर हैदरी चौक पर मंगलवार को लगभग 15 इमारतों के अतिक्रमण को ध्वस्त किया था। मीरा रोड पर हुई हिंसा के मामले में आरोपियों के खिलाफ ये बुलडोजर चलाया गया है।

वहीं बुधवार को इसी तरह का बुलडोजर एक्शन मोहम्मद अली रोड पर देखने को मिला। जहां पर लगभग 40 दुकानों के अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। इनमें कुछ दुकानें ऐसी भी थी जो साल 1930 में बनाई गई थी। बीएमसी अधिकारियों का कहना था कि मोहम्मद अली रोड पर गिराए गए सभी ढांचे अवैध अतिक्रमण थे और फुटपाथ पर जगह खाली करने के लिए उन्हें गिराया गया।

बता दें कि अयोध्या राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा से एक दिन पहले 21 जनवरी की रात श्रीराम झंडे वाले वाहनों पर पथराव के बाद तोड़कर करके मारपीट की गई थी। उस समय महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर सीधे संज्ञान लिया था। फडणवीस ने कहा था कि इलाके के अवैध निर्माण और अवैध कब्जे पर कार्रवाई होगी। फडणवीस के इस बयान के बयान के बाद बीएमसी एक्शन में है।

ये बताई एक्शन की वजह

बुलडोजर से ध्वस्त किए गए लगभग सभी ढांचे इब्राहिम मोहम्मद मर्चेंट रोड पर स्थित थे। बीएमसी ने मोहम्मद अली रोड पर अभियान चलाया, लेकिन किसी अन्य वार्ड में इस तरह के किसी अभियान की कोई सूचना नहीं थी। मुंबई में कुल 24 प्रशासनिक वार्ड कार्यालय हैं। कुछ वार्ड कार्यालयों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ‘गहरी सफाई’ पहल पर काम कर रहे हैं, जिसमें ज्यादातर अवैध विक्रेताओं को हटाना शामिल है।

अवैध कब्जों को हटाया

अतिक्रमण हटाने वाले विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सीएम शिंदे के अभियान के हिस्से के रूप में सभी नगरपालिका वार्डों में स्थानीय अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके लिए, हम फुटपाथ को साफ रखने के लिए सड़क के किनारे छोटे भोजनालयों और विक्रेताओं को हटा रहे हैं। यह अभियान दिसंबर के पहले सप्ताह से चालू है।

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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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