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उत्तर प्रदेश

संगम स्नान कर बोले संत- साधुवाद सरकार!

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महाकुम्भ नगर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महाकुम्भ-2025 की अविस्मरणीय तैयारी से साधु-संत आह्लादित दिखे। सभी संतजनों ने मंगलवार को मकर संक्रांति पर्व पर अमृत स्नान किया और अभूतपूर्व व्यवस्था के लिए सरकार का साधुवाद किया। सभी संतजनों ने 144 वर्ष पश्चात पड़े इस सुखद संयोग में स्नान कर स्वच्छ, सुरक्षित, दिव्य-भव्य महाकुम्भ के आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने, अद्भुत व्यवस्था पर साधु-संतों ने सरकार के प्रति आभार भी जताया।

सरकार की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न हूं

सरकार ने महाकुम्भ की व्यवस्था बहुत अच्छी की है। इस व्यवस्था से मैं बहुत प्रसन्न हूं। सरकार ने इतनी बड़ी भीड़ को भी नियंत्रित किया है, इसलिए सरकार साधुवाद की पात्र है।
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य

जो कहते हैं कि हम बटे पड़े हैं, वे आकर देखें- सारे घाट पटे पड़े हैं

यह पूरे सनातन का स्नान है। यह अमृत व सनातन के अमर होने का पर्व है। इस कुम्भ ने बताया कि सारे घाट पटे पड़े हैं,लोग कहते हैं हम बटे पड़े हैं। आखिर हम कहां बटे पड़े हैं। करोड़ों कल,करोड़ों आज आए और करोड़ों आ रहे हैं। हर घाट पटा है। मैं सभी को आमंत्रित करता हूं कि आओ महाकुम्भ चलें। संगम के तट से संदेश है कि सनातन का संगम सदैव गंगा के पावन प्रवाह की तरह प्रवाहित रहे। सूर्य ने उत्तरायण की दिशा बदली है। यह हमारे जीवन की दिशा बदलने का समय है। जब दिशा-गति बदलती है तो मति भी बदलती है। देश को गति भी बदलनी है और मति भी बदलनी है। जैसे गति-मति बदलेंगे, सारा माहौल व मुल्क बदल जाएगा। भारत के पास यंग दिल इंडिया है,इसलिए सभी को मिलकर महान इंडिया बनाना है। मोदी-योगी की यह जोड़ी इस देश में नया योग खड़ा करने आई है। योगी जी ने दिखा दिया, वातावरण मस्त-मस्त और सुरक्षा जबर्दस्त है।

स्वामी चिदानंद सरस्वती, आध्यात्मिक प्रमुख, परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश

सौभाग्यशाली हैं कि इस महाकुम्भ में स्नान करने आए हैं

1982 से कुम्भ में आ रही हूं। कई महाकुम्भ व अर्धमहाकुम्भ किए हैं, लेकिन प्रयागराज महाकुम्भ की अनुभूति अलग ही है। मां गंगा की गोद यह पूरा नया शहर-क्षेत्र बसाया जाता है। 144 वर्ष बाद महाकुम्भ का सुयोग बना है। हम लोग सौभाग्यशाली हैं कि इस महाकुम्भ में स्नान करके आए हैं।

आज युवा इस दृश्य को देखकर आह्लादित दिख रहा है। अमृत स्नान के लिए जब अखाड़े निकले हैं, उस समय झोली फैलाकर फूल तक मांग रहे हैं। यह आस्था है। यह अद्भुत कुम्भ है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। 500 साल की प्रतीक्षा के बाद रामलला मंदिर में विराजित हुए और उनकी वर्षगांठ हो रही है, इससे महाकुम्भ की महिमा और बढ़ जाती है।
साध्वी निरंजन ज्योति, पूर्व केंद्रीय मंत्री

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उत्तर प्रदेश

प्रथम अमृत स्नान पर्व पर 3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया त्रिवेणी में स्नान

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महाकुम्भ नगर/लखनऊ। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ 2025 में गंगा स्नान करने वालों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर एक भावपूर्ण पोस्ट के जरिए आस्था, समता और एकता के इस महासमागम में शामिल पूज्य संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया।

सीएम योगी ने महाकुम्भ को सनातन धर्म की अनुपम शक्ति और आस्था का प्रतीक बताते हुए कहा, “प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों और श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ के प्रथम अमृत स्नान पर्व के सफल आयोजन के लिए सभी संबंधित विभागों और संगठनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म के आधार सभी पूज्य अखाड़ों, महाकुम्भ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद।”

इस मौके पर उन्होंने प्रदेशवासियों और श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं दीं और आस्था के इस महायज्ञ के सुचारु रूप से चलने की कामना करते हुए उन्होंने लिखा, “पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें।” महाकुम्भ 2025 में मकर संक्रांति पर संगम तट पर उमड़ी भक्तों की भीड़ और उनके उत्साह ने एक बार फिर भारतीय संस्कृति और परंपरा की अद्वितीय छवि प्रस्तुत की।

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