Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

छुट्टी के बाद स्कूल में महिलाओं को बुलाकर रंगरेलियां मनाता था शिक्षक, सस्पेंड

Published

on

Loading

ललितपुर।  यूपी के ललितपुर जनपद से एक रंगबाज शिक्षक का मामला सामने आया है। शिक्षा के मंदिर में इस शिक्षक की हरकतों ने पूरे शिक्षा जगत को शर्मसार करके रख दिया है। फिलहाल डीएम के आदेश पर शिक्षक को सस्पेंड कर दिया है। यह शिक्षक स्कूल में ही महिलाओं को बुलाकर रंगरेलियां मनाता था। शिक्षक की महिलाओं के साथ आपत्तिजनक फोटो वायरल हुईं तो अफसर हरकत में आए।

फोटो वायरल होने के बाद शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। मामला महरौनी विकास खण्ड के एक परिषदीय विद्यालय का है। यहां तैनात शिक्षक धर्मेन्द्र अहिरवार स्कूल में बच्चों की छुट्टी होने के बाद गांव की महिलाओं को बुलाकर रंगरेलियां मनाता था।

आरोप है कि स्कूल टाइम में शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाए महिलाओं को वीडियो कॉल करके उनके अश्लील स्क्रीन शॉट भी लेता था। मंगलवार को रंगबाज शिक्षक के कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए इसके बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया।

बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों पर पहले से ही बेहद गंभीर आरोप लग रहे हैं। रंगबाज शिक्षक की इन हरकतों को लेकर कुछ लोगों ने जिलाधिकारी आलोक सिंह से मुलाकत की कर ऐसे शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठायी।

मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।

बेसिक शिक्षा अधिकारी रामप्रवेश ने बताया कि प्रकरण की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की गयी। जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी नगर नरेश रावत, खंड शिक्षा अधिकारी बिरधा कपूर सिंह परिहार को शामिल किया गया। बुधवार को जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपित शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

निराश्रित बच्चों के लिए सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण बनाने में जुटी योगी सरकार

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला कल्याण विभाग ने बच्चों के सर्वांगीण विकास और सुरक्षा के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल के तहत राज्य के विभिन्न जनपदों में 10 नए बाल संरक्षण गृहों का निर्माण और संचालन किया जाएगा। इन संरक्षण गृहों का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है, जहाँ वे अच्छे नागरिक के रूप में विकसित हो सकें।

वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या समेत 10 जिलों में बनेंगे नए बाल संरक्षण गृह

महिला कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तावित इस योजना के अनुसार, प्रदेश के मथुरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, आजमगढ़, झांसी, अमेठी, फिजाबाद, देवरिया, सुल्तानपुर, तथा ललितपुर में इन संरक्षण गृहों की स्थापना की जाएगी। हर संरक्षण गृह में 100-100 बच्चों को रखने की क्षमता होगी, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जा सके। इनमें 1 राजकीय बाल गृह(बालिका) 1 राजकीय बाल गृह (बालक), 7 राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), किशोर न्याय बोर्ड सहित 1 प्लेस ऑफ सेफ्टी गृह शामिल है। इन संरक्षण गृहों में बच्चों को न केवल रहने की सुविधाएं दी जाएंगी, बल्कि उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का भी ध्यान रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग इन संरक्षण गृहों की स्थापना से असहाय और संवेदनशील बच्चों को एक नया जीवन देकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। इन गृहों में बच्चों को एक संरक्षित वातावरण में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और जीवन कौशल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम

इस योजना के तहत राज्य सरकार ने बाल संरक्षण गृहों के निर्माण के लिए आवश्यक फंड भी निर्धारित किए हैं। सभी गृहों का निर्माण योगी सरकार अपने बजट से करेगी। वहीं इन गृहों के संचालन में केंद्र सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के प्राविधानों के केंद्रांश-60 प्रतिशत और राज्यांश-40 प्रतिशत के अनुसार राज्य सरकार पर 7.96 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। योजना के सफल संचालन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन गृहों का निर्माण और प्रबंधन गुणवत्ता मानकों के अनुसार किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कंसल्टेंट्स का चयन भी किया है, ताकि इन बाल संरक्षण गृहों में दी जाने वाली सेवाओं का उच्चतम स्तर सुनिश्चित किया जा सके।

बाल अधिकारों की रक्षा में सीएम योगी का सशक्त प्रयास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य है कि राज्य का कोई भी बच्चा असुरक्षित या उपेक्षित महसूस न करे। सीएम योगी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि वे समाज के भविष्य हैं। इस योजना के तहत बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, जो उनकी सुरक्षा और कल्याण के प्रति संजीदा होंगे। इन बाल संरक्षण गृहों में बच्चों को उनकी उम्र और जरूरतों के हिसाब से सेवाएं दी जाएंगी, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें।

Continue Reading

Trending