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मुख्य समाचार

विधायकों के बाद अब शिवसेना सांसदों की बगावत? राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन को लेकर मतभेद

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मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, उनके नेताओं के बगावती तेवर कायम हैं। विधायकों की बगावत के बाद अब पार्टी के सांसदों में मतभेद की खबर है। इसकी वजह राष्ट्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का मुद्दा है।

दरअसल, द्रौपदी मुर्मू के समर्थन को लेकर शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं। पार्टी के ज्यादातर सांसद मुर्मू के समर्थन के पक्ष में हैं। 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राजग ने द्रौपदी मुर्मू को तो साझा विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अपने विधायकों व सांसदों की बगावत का सामना कर रही शिवसेना अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि उसे मुर्मू या सिन्हा में से किसका समर्थन करना है? पार्टी के कुछ सांसद भी बगावती तेवर दिखा रहे हैं। वे द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में हैं।

खबरों के अनुसार सोमवार को उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई बैठक में शिवसेना के 19 में से 11 सांसद ही पहुंचे। बैठक में मौजूद शिवसेना सांसद संजय राउत ने साफ तौर पर यशवंत सिन्हा को समर्थन देने की बात कही।

इस पर कुछ सांसदों ने असहमति जताई। उनका कहना था कि हमें मुर्मू का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी अपील की कि वे द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें। अब ठाकरे ही इस बारे में अंतिम फैसला लेंगे।

शिवसेना की बैठक में 19 में से सिर्फ 11 सांसदों के पहुंचने के बाद केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने दावा किया कि सेना के 12 सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं।

अब सभी को सभी से खतरा है-राउत

वहीं संजय राउत ने मंगलवार की सुबह शायर जौन एलिया का एक शेर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अब नही कोई बात खतरे की, अब सभी को सभी से खतरा है।’ इस ट्वीट में संजय राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र सीएमओ, देवेंद्र फडणवीस, उद्धव ठाकरे और प्रियंका गांधी को भी टैग किया है।

नेशनल

जानें कौन था एक करोड़ का इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपती, जिसे सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में किया ढेर

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में बड़ा नक्सल ऑपरेशन जारी है। इस ऑपरेशन में 14 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। अभी तक 12 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ऑपरेशन में एक करोड़ का ईनामी नक्सली चलपति भी मारा गया है।

कौन था खूंखार नक्सली जयराम उर्फ चलपती

खूंखार नक्सली जयराम उर्फ चलपती नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का सदस्य था और वह नक्सल‍ियों के संगठन का ओडिशा स्टेट कमेटी का इंजार्च था। जयराम की गिनती देश के बेहद खतरनाक नक्सली इंचार्ज के रूप में होती थी। सुरक्षा बलों पर कई हमलों में शामिल रहा जयराम पर अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने एक करोड़ का इनाम रखा था। छत्तीसगढ़ और इसके आसपास हुए कई बड़े हमलों में शामिल रहा है। कई हमलों का वह मास्टरमाइंड भी रहा है। कई राज्यों की पुलिस की इस पर पैनी नजर थी। उसे प्रताप रेड्डी उर्फ रामाचंद रेड्डी उर्फ अप्पा राव के नाम से भी उसे जाना जाता ह। वह माड़ क्षेत्र और छत्तीसगढ़ में सक्रिय था। बताया जाता है कि 60 साल का खूंखार नक्सली जयराम 10वीं तक पढ़ा था। वह नक्सलियों के ओडिशा कैडर का नक्सली था।

सुरक्षाबलों ने मारे गए सभी नक्सलियों के शव और उनके हथियार भी बरामद कर लिए हैं। रविवार की सुबह से ये ऑपरेशन जारी है। इस अभियान में छत्तीसगढ़ और ओडिशा पुलिस के अलावा इसमें सीआरपीएफ भी शामिल है। इस ऑपरेशन में कुल 10 टीमें शामिल हैं। 3 टीम ओडिशा से 2 छत्तीसगढ़ पुलिस से और सीआरपीएफ की 5 टीमें नक्सलियों के खिलाफ इस एनकाउंटर में शामिल रहीं। मुठभेड़ की सूचना पर फोर्स के वरिष्ठ अधिकारी मैनपुर पहुंच गए हैं। पूरे एरिया में फोर्स की तैनाती की गई है। इसके अलावा 3 आईडी भी बरामद की गई है।

इस घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे नक्सलवाद के ख‍िलाफ एक बड़ी कामयाबी बताया है. शाह ने ट्वीट किया, ‘नक्सलवाद पर एक और करारा प्रहार. हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है. CRPF, SOG ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर एक संयुक्त अभियान में 14 (बाद में संख्या बढ़कर 16 हो गई) नक्सलियों को मार गिराया.’

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