उत्तर प्रदेश
‘द केरल स्टोरी’ देखकर बोले CM योगी- अघोषित आतंकवाद का एजेंडा है लव जिहाद
फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ के विषय और प्रस्तुतिकरण को मुख्यमंत्री ने सराहा, पूरी टीम को दी बधाई
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘लव जिहाद’ को मानवता के खिलाफ अघोषित आतंकवाद का एजेंडा कहा है। शुक्रवार को मंत्रिपरिषद सदस्यों के साथ बहुप्रशंसित फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ देखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फ़िल्म ‘लव जिहाद जैसे षड्यंत्र के प्रति पूरे देश का ध्यान आकर्षित करती है। पूरे समाज को इस विकृति के बारे में जागरूक होना होगा।
लोकभवन में फ़िल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग होने के बाद उन्होंने फिल्म के विषय और प्रस्तुतिकरण की सराहना करते हुए फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक सहित पूरी टीम के प्रयासों को साहसिक बताते हुए सराहना की है। उन्होने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हर उस विकृति के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है जो सामाजिक एकता में बाधा हो, राष्ट्रीय एकता को चुनौती देती हो तथा मानवता के लिए खतरा उत्पन्न करती हो। इसीलिए हमारी सरकार ने लव जिहाद जैसी विकृति के खिलाफ 27 नवम्बर 2020 को ही उत्तर प्रदेश विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम को पहले अध्यादेश और फिर विधिवत कानून बनाकर इसे प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू किया है।
अब तक दर्ज हुए 433 मामले, 855 हुए गिरफ्तार
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार नवम्बर 2020 में उत्तर प्रदेश विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम लागू होने के बाद से अब तक इस कानून के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक कुल 433 अभियोग पंजीकृत हो चुके हैं। उक्त अभियोगों में नामजद कुल 1229 अभियुक्त तथा विवेचना के दौरान प्रकाश में आए कुल 242 अभियुक्तों को मिलाकर 1471 आरोपियों पर कार्यवाही की है, जिसमें 855 गिरफ्तारियां हुईं हैं। अद्यतन स्थिति के मुताबिक 339 में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किए जा चुके हैं तथा 184 पीड़िताओं द्वारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत मा. न्यायालय के समक्ष अपने अभिकथन की पुष्टि की गई है। इनमें 66 अभियोग नाबालिगों से संबंधित है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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