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बिजनेस

रिलायंस के नाम एक और उपलब्धि, Time Magazine की 100 प्रभावशाली कंपनियों की लिस्ट में हुई शामिल

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नई दिल्ली। मशहूर अमेरिकी मैगजीन टाइम (Time) ने साल 2024 के लिए दुनिया की सबसे प्रभावशाली (most influential) कंपनियों की लिस्ट जारी की है। टॉप 100 कंपनियों की लिस्ट में तीन भारतीय कंपनियों ने जगह बनाई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और टाटा ग्रुप को टाइम की सबसे प्रभावशाली कंपनियों की टॉप 100 लिस्ट में जगह मिली है।

इस लिस्ट को 5 कैटेगरी में बांटा गया है। इसमें लीडर्स, डिसरप्टर्स, इनोवेटर्स, टाइटन्स और पायनियर्स शामिल हैं। रिलायंस और टाटा ग्रुप को टाइटन्स कैटेगरी में स्थान मिला है। जबकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को पायनियर्स कैटेगरी के लिए चुना गया है। प्रत्येक कैटेगरी में 20 कंपनियों को शामिल किया गया है।

टाइम मैगजीन ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को ‘इंडियाज जगरनॉट’ की उपमा दी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज पर टाइम मैगजीन ने लिखा है कि कपड़ा और पॉलिएस्टर कंपनी के रूप में शुरू हुई रिलायंस आज एक विशाल और जीवंत बिजनेस ग्रुप है, साथ ही यह देश की सबसे मूल्यवान कंपनी भी बन गई है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व में कंपनी के पास एनर्जी, रिटेल और टेलीकॉम सहित कई बिजनेस हैं। बताते चले कि भारत की सबसे बड़ी डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी और टेक जाइंट जियो प्लेटफॉर्म्स ने 2021 में इस लिस्ट में जगह बनाई थी। टाइम मैगजीन ने रिलायंस और डिज्नी सौदे का भी जिक्र किया है। मैगजीन का कहना है कि 8.5 अरब डॉलर का यह सौदा भारत के तेजी से बढ़ते स्ट्रीमिंग बाजार पर रिलायंस की पकड़ मजबूत करेगा।

टाइम मैगजीन ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता के रूप में शामिल किया है। कंपनी हर साल 3.5 अरब खुराक बनाती है। याद रहे कि कोविड माहमारी के वक्त सीरम के टीकों ने लाखों जिंदगियां बचाई थी। टाटा ग्रुप के बारे में टाइम ने कहा कि ”टाटा समूह ने भारत की पुरानी कंपनियों में से एक है। इसका विशाल पोर्टफोलियो स्टील, सॉफ्टवेयर, घड़ियों, सबसी केबल और रसायनों से लेकर नमक, अनाज, एयर-कंडीशनर, फैशन और होटल तक फैला हुआ है। टेक निर्माण, एआई और सेमीकंडक्टर चिप्स में निवेश करके समूह एक टेक कंपनी बन रहा है। 2023 में यह आईफोन को असेंबल करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई थी।

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नेशनल

भारतीय चुनाव पर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा ने मांगी माफी, कहा- अनजाने में गलती हुई

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नई दिल्ली। 2024 के चुनाव को लेकर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा की भारतीय ईकाई मेटा इंडिया ने माफी मांग ली है। कंपनी ने कहा कि अनजाने में हुई गलती के लिए हम माफी मांगते हैं। मेटा इंडिया में सार्वजनिक नीति के निदेशक के तौर पर काम करने वाले शिवनाथ ठुकराल ने एक्स पर एक पोस्ट में सीईओ की तरफ से माफी मांगी। उन्होंने कहा, ‘मार्क का यह कहना कि 2024 के चुनावों में कई मौजूदा पार्टियां फिर से चुनकर नहीं आईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के मामले में ऐसा नहीं है। हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी चाहते हैं। भारत मेटा के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके शानदार भविष्य के केंद्र में होने की आशा करते हैं।’

इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रोगन पॉडकास्ट पर जुकरबर्ग द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना की थी। वैष्णव ने 13 जनवरी को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि मार्क जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारें कोविड के बाद हार गई हैं, तथ्यात्मक रूप से गलत है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत ने 2024 के चुनावों को 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ संचालित किया। भारत के लोगों ने पीएम @narendramodi जी के नेतृत्व में एनडीए में अपने विश्वास की पुष्टि की। मंत्री ने जुकरबर्ग की टिप्पणियों को गलत सूचना बताते हुए खारिज कर दिया था, और यह स्पष्ट किया था कि मेटा को तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहिए।

वैष्णव ने कहा कि 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त भोजन, 2. 2 अरब मुफ्त टीके और कोविड के दौरान दुनिया भर के देशों को सहायता से लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाने तक, पीएम मोदी की निर्णायक तीसरी बार की जीत सुशासन और जनता के भरोसे का प्रमाण है। @मेटा, जुकरबर्ग से खुद गलत सूचना देखना निराशाजनक है। आइए तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखें। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के प्रमुख भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को कहा था कि पैनल अपने अध्यक्ष की टिप्पणियों के बाद फर्म को तलब करेगा कि भारत की सत्तारूढ़ व्यवस्था पिछले साल लोकसभा चुनाव हार गई थी।

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