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पांच राज्यों में होने वाले चुनाव की तारीखों का हुआ ऐलान, जानिए कब कहां होगी वोटिंग

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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधानसभा चुनाव की तारीखों की जानकारी दी। चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि इस बार पांच राज्यों में चुनाव सात फेज में होंगे।

उत्तर प्रदेश में पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी को होगा। वहीं दूसरी फेज 14 फरवरी, तीसरा 20 फरवरी, चौथा 23 फरवरी, पांचवा 27 फरवरी, छठा 3 मार्च और सातवां फेज 7 मार्च को होगा। चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में एक फेज में चुनाव होंगे।

आयोग के मुताबिक 14 फरवरी को पंजाब गोवा और उत्तराखंड में मतदान होगा। वहीं सभी राज्यों के चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे। इसी के साथ चुनाव आयोग ने चुनाव आयोग ने आज यानी 8 जनवरी से 15 जनवरी तक रोड शो, रैली, साइकिल रैली पद यात्रा पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। आयोग ने बताया कि 15 जनवरी के बाद पर इस पर विचार किया जाएगा।

एक अहम ऐलान में चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि कोरोना महामारी की वजह से वोटिंग के समय को एक घंटा बढ़ा दिया गया है। चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव के समय की घोषणा अधिसूचना जारी करने के वक्त की जाएगी।

इस बार 1250 मतदाताओं पर एक बूथ बनाया गया है। पिछले चुनाव की तुलना में 16 फीसदी बूथ बढ़ गए हैं। 1620 बूथ को महिला पोलिंगकर्मी मैनेज करेंगी। 900 आब्जर्बर चुनाव पर नजर रखेंगे। चुनाव आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों, दिव्यांगों और कोविड प्रभावित लोगों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की है।

सभी बूथ पर पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे. दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम होंगे हर बूथ पर. वॉलेंटियर मदद करेंगे। व्हील चेयर भी हर बूथ पर होगी. कोविड प्रभावित या कोविड संदिग्ध के घर वीडीओ टीम के साथ आयोग की टीम विशेष वैन से जाएगी वोट डलवा कर आएगी। इन्हें बैलेट पेपर से वोट डालने का अधिकार मिलेगा।

अपराधिक पृष्ठ भूमि के उम्मीदवारों के लिए अखबार टीवी और मीडिया और वेबसाइट के होम पेज पर तीन बार अलग अलग चरणों पर जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। जनता को पता चले कि उनके उम्मीदवार कैसे हैं?

संवेदनशील बूथों पर पूरे दिन वीडीओग्राफी होगी। पांचों राज्यों में एक लाख से ज्यादा बूथों पर लाइव वेबकास्ट होगा. ऑब्जर्वर भी ज्यादा संख्या में तैनात होंगे।

 

 

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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