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प्रादेशिक

कर्नाटक में मंदिर मेले में मुसलमानों को दूकान लगाने पर रोक, कांग्रेस ने सरकार को लिया आड़े हांथ

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कर्नाटक के मेंगलुरु के पास ‘बप्पनाडु दुर्गापरमेश्वरी मंदिर’ के वार्षिक मेले में मुस्लिम व्याारियों के स्टॉल लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस घोषणा के बाद कर्नाटक कांग्रेस नेता यूटी खादर ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। खादर ने कहा, “भाजपा सरकार इस मुद्दे पर चुप है। भारत विविधताओं का देश है और इस तरह के घटनाक्रम राष्ट्र की अखंडता को तोड़ते हैं।”

समाज को बांटने की हो रही कोशिश: कांग्रेस

विधान सभा के उपनेता ने आगे कहा कि देश में सभी धर्मों के लोग साथ-साथ रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग धर्मों के बीच खाई पैदा कर रहे हैं। खादर ने पोस्टरों को घृणित बताते हुए कहा, “निहित स्वार्थ वाले कुछ लोग कर्नाटक के तटीय इलाकों में इस तरह के घृणित बैनर और पोस्टर लगा रहे हैं। वे समाज में अशांति और नफरत पैदा करना चाहते हैं।”

कर्नाटक सरकार नहीं कर रही समर्थन: मंत्री

हालांकि, कर्नाटक के कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा है कि राज्य सरकार “प्रतिबंध” को प्रोत्साहित नहीं करती है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मधुस्वामी ने कहा, “सरकार मंदिर के मेलों से मुस्लिमों के किसी भी प्रतिबंध को प्रोत्साहित नहीं कर रही है। अगर परिसर के बाहर बैनर लगाए गए हैं, तो हम कार्रवाई करेंगे।”

इस बीच कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अब्दुल अजीम ने कहा कि मंदिर के वार्षिक मेले में गैर-हिंदुओं को दुकानें नहीं लगाने देने के उडुपी मंदिर के फैसले के संबंध में बातचीत हो रही है।

क्या है पूरा मामला?

तटीय कर्नाटक के उडुपी जिले के कापू शहर में ‘मारी गुड़ी मंदिर’ प्रबंधन ने कथित तौर पर कुछ संगठनों के अनुरोध पर वार्षिक मंदिर उत्सव के दौरान अन्य धर्म के लोगों को अपनी जमीन पर व्यापार करने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। पूरे कर्नाटक में विभिन्न मंदिरों के आसपास इसको लेकर पोस्टर लगे हुए हैं।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने की गोसेवा, भवानी और भोलू को खूब दुलारा

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गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी क्रम में शनिवार सुबह भी उन्होंने मंदिर की गोशाला में समय बिताया और गोसेवा की। मुख्यमंत्री ने गोवंश को गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए। गोसेवा के दौरान उन्होंने सितंबर माह में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को खूब दुलारा।

दक्षिण भारत से लाए गए गोवंश की इस जोड़ी (एक बछिया और एक बछड़ा) का नामकरण भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। उन्होंने बछिया का नाम भवानी रखा है तो बछड़े का नाम भोलू। मुख्यमंत्री जब भी गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, भवानी और भोलू का हाल जरूर जानते हैं। सीएम योगी के दुलार और स्नेह से भवानी और भोलू भी उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं। शनिवार को गोशाला में सभी गोवंश की सेवा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया। उन्हें खूब दुलार कर, उनसे बातें कर, गुड़ और चारा खिलाया। सीएम योगी के स्नेह से ये गोवंश भाव विह्वल दिख रहे थे।

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