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उत्तर प्रदेश

श्रद्धालु हो या स्थानीय निवासी, सबको सुविधा, सबकी सुरक्षा, सबका सम्मान सुनिश्चित करेगी सरकार: मुख्यमंत्री

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मथुरा| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा-वृंदावन में श्रद्धालुओं-पर्यटकों से जुड़ी सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पूरे ब्रजमण्डल में कोई स्थानीय निवासी हो अथवा पर्यटक व श्रद्धालु, हर किसी की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। हर किसी की आस्था का पूरा सम्मान होना चाहिए, इसे प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए। परिक्रमा मार्गों एवं हाईवे पर सुरक्षा बढ़ाई जाए। बाइक एवं पीआरवी की गश्त बढ़ाई जाए।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर दो दिवसीय मथुरा दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने सोमवार को स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में श्रद्धालुओं व अन्य पर्यटकों की सुरक्षा पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने पूरे नगर निगम क्षेत्र को यथाशीघ्र ‘सेफ सिटी’ के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को प्रभावी बनाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं, संवेदनशील, भीड़भाड़ वाली जगहों पर लगातार पुलिस की उपस्थिति बनी रहनी चाहिए।
ब्रज क्षेत्र में नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे ब्रज क्षेत्र कहीं भी टूटी हुई अथवा गड्ढे वाली सड़कें न हों। इसका विशेष ध्यान रखा जाए। यदि कहीं ऐसा हो तो तत्काल उसकी मरम्मत करा दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जल जीवन मिशन अथवा अमृत योजना के अंतर्गत जारी कार्यों से जहां कहीं भी सड़क खराब हुई है, यथाशीघ्र उसकी मरम्मत कराई जाए। परिक्रमा मार्ग की स्वच्छता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने इससे जुड़े मार्गों की मरम्मत के भी निर्देश दिए। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन को और प्रभावी बनाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने स्वच्छता के लिए मोहल्ला समितियों जैसी जनसहभागिता को उपयोगी बताया, साथ ही मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में स्वच्छता के लिए अतिरिक्त मैनपॉवर की तैनाती तथा कूड़ा प्रबन्धन के लिए प्रयागराज कुंभ की तर्ज पर बेहतर प्रयासों करने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मथुरा में स्ट्रीट लाइट एवं डेकोरेशन बेहतर होना चाहिए। प्रमुख मार्गो एवं स्थलों पर सोलर पैनल युक्त स्ट्रीट लाइटिंग व्यवस्था करे। ठेला, रेहड़ी पटरी व्यवसायियों को व्यवस्थित किया जाए, वेंडिंग जोन बनाए जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु पाइप्ड पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए। ब्रज तीर्थ विकास परिषद, नगर निगम, पुलिस एवं विकास प्राधिकरण पार्किंग बढ़ाने के लिए प्रयास करे। अधिकाधिक मल्टीलेवल पार्किंग बनाए। पार्किंग में कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाए, जिसमें दुकानें बनाएं। लोगों से संवाद करे और उन्हें दुकानें आवंटित करें, इससे आय भी होगी और ट्रैफिक की समस्या से भी निदान मिलेगा।
श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि मथुरा-वृंदावन परिक्षेत्र में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। साल-दर-साल इसमें बढ़ोतरी होती जा रही है। ऐसे में यहां सभी श्रद्धालु सुविधाओं को बेहतर बनाया जाना आवश्यक है। व्यवस्था ऐसी हो जिससे यहां से लौटने वाले श्रद्धालु सुखद अनुभव ले कर जाएं। मुख्यमंत्री ने कॉरीडोर में मल्टीलेवल पार्किंग और कॉमर्शियल स्पेस की व्यवस्था बनाने पर भी जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, काशी, प्रयागराज, इसके महत्वपूर्ण केंद्र हैं। विगत 07 वर्षों में यहां व्यापक परिवर्तन हुआ है। टूरिस्ट फुटफॉल अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है। यह टूरिस्ट फुटफॉल लोकल इकॉनमी को बढ़ावा देने वाला है। अगले वर्ष प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन है। करोड़ों लोगों का आगमन होगा। मथुरा-वृंदावन में भी लोग आएंगे, ऐसे में हमें श्रद्धालुओं को उत्कृष्ट सेवा उपलब्ध कराना होगा।
श्रीबांके बिहारी मंदिर कॉरीडोर पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में सभी पक्षों से बातचीत की जाएगी। सभी को आश्वस्त करें। किसी को भी उजाड़ा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी से बातचीत के आधार पर लोगों की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए पुनर्वास की ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।

बैठक में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) संदीप सिंह, राज्य सभा सांसद तेजवीर सिंह, विधायक मथुरा श्रीकांत शर्मा, विधायक माठ राजेश चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष किशन सिंह सहित सहित पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।

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उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों को कामयाबी, एक दिन-एक शिफ्ट में होगी PCS की परीक्षा

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प्रयागराज। प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों की बड़ी जीत हुई है। UPPSC ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली हैं। RO/ARO की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही अब PCS की परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षाओं के दो दिन दो शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया था, जिसके विरोध में हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों ने आयोग के नोटिस जारी होने के साथ ही फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन किया।

अधिकारियों ने प्रदर्शनकरी छात्रों से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे। जिसके बाद पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक आयोग से छात्रों के हितों में फैसले के लिए कहा। सीएम योगी की पहल के बाद आयोग ने अपना फैसला वापस ले लिया और छात्रों की एक दिन एक शिफ्ट में पेपर की मांग को मान स्वीकार कर लिया।

वहीँ आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी। आसान भाषा में कहें तो आयोग ने सीएम योगी के निर्देश पर फैसला लिया है कि यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न से होंगी यानी एक ही दिन में यह परीक्षा आयोजित होगी। जबकि RO/ARO परीक्षा पर फैसले के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है।

कब होंगे पेपर?

जानकारी के लिए बता दें कि पीसीएस की परीक्षा के लिए दो चरण होते हैं, पहला प्रीलिम्स और दूसरा मेंस। पहले ये पेपर चार शिफ्ट में 7 और 8 दिसंबर को होने थे पर अब नए आदेश में यह परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में आयोजित होगी। वहीं, RO/ARO परीक्षा में एक ही पेपर होता है, जो पहले 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में होनी थी, जिस पर अब कमेटी बना दी गई है जो जल्द ही अपना रिपोर्ट देगी।

 

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