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पीएम के पंच प्रणों से जुड़कर भारत को बनाना है दुनिया की महाताकत: सीएम योगी

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गोरखपुर। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति समाज, राष्ट्र व धर्म की समस्याओं से पलायन की आज्ञा नहीं देती है। समाज, राष्ट्र व धर्म की समस्या को हमें अपनी खुद की समस्या मानना होगा। हमें खुद को हर चुनौती से निरंतर जूझने के लिए तैयार रखना होगा क्योंकि समस्याओं से पलायन करने वाले, उनसे मुंह मोड़ने वाले जनविश्वास खो देते हैं। पलायन करने वालों को वर्तमान और भावी पीढ़ी कभी माफ नहीं करती है।

सीएम योगी युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 53वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 8वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के अंतिम दिन बुधवार (आश्विन कृष्ण चतुर्थी) को महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे। श्रद्धांजलि समारोह में अपने भावों को शब्दांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरक्षपीठ के पूज्य आचर्यद्वय ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने ने धर्म, समाज और राष्ट्र की समस्याओं से पलायन न करने का आदर्श स्थापित किया। उनके मूल्यों, सामर्थ्य और साधना की सिद्धि का परिणाम आज गोरखपुर के विभिन्न विकल्पों के माध्यम से देखा जा सकता है। उन्होंने गोरक्षपीठ को सिर्फ पूजा पद्धति और साधना स्थली तक सीमित नहीं रखा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के विभिन्न आयामों से जोड़कर लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया।

सीएम योगी ने कहा कि गोरक्षपीठ की परंपरा सनातन धर्म की महत्वपूर्ण कड़ी है। आश्रम पद्धति कैसे संचालित होनी चाहिए, समाज, देश और धर्म के प्रति हमारी क्या जिम्मेदारी होनी चाहिए, इसका मार्गदर्शन इस पीठ ने किया है। ऐसे दौर में जब बहुतायत लोग भौतिकता के पीछे दौड़ते हैं, देशकाल व समाज के अनुरूप कार्यक्रमों से जुड़कर यह पीठ ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ द्वारा स्थापित आदर्शों को युगानुकूल तरीके से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि जब देश पराधीन था तब यह धार्मिक पीठ सीमित संसाधनों से शिक्षा का अलख जगाने के अभियान से जुड़ती है। पूज्य संतों ने आजादी के आंदोलन को नेतृत्व दिया, उसने भागीदार बने और इस दिशा में गोरक्षपीठ की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। जब धर्म भी पराधीनता के दंश को झेल रहा था तो गोरक्षपीठ खुद को कैसे अलग रख सकती थी। सीएम योगी ने कहा कि आजादी का आंदोलन हो या आजादी मिलने के बाद राष्ट्र निर्माण के अभियान को गति देने की बात, गोरक्षपीठ ने महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ के नेतृत्व में निरंतर प्रयास किया।

वैश्विक मंच पर पड़ रही भारत की प्रतिष्ठा

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के मार्ग प्रशस्त होने से भारत के लोकतंत्र व न्यायपालिका की ताकत वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित हुई है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन हो या फिर प्रयागराज दिव्य एवं भव्य कुंभ। हमारे सांस्कृतिक विजय के इस अभियान का हिस्सा है। यही नहीं अब भारतीय नस्ल के गोवंश संरक्षण की वकालत वैश्विक मंचों से की जा रही है। अति भौतिकता के पीछे पड़कर अर्जित की गई गंभीर बीमारियों से बचने के लिए प्राकृतिक खेती पर दुनिया जोर दे रही है और प्राकृतिक खेती के लिए भारतीय ही गोवंश आधार होगा। इससे गाय भी बचेगी और मानवता को बीमारियों से मुक्ति भी मिलेगी। कुल मिलाकर वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है और हम सभी को इस पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।

इंसेफलाइटिस से होने वाली मौतें अब शून्य की तरफ़

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मासूमों की मौतों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 1977 से 2017 तक प्रतिवर्ष 1200 से 1500 बच्चे इस बीमारी के चलते दम तोड़ देते थे। 40 साल में 50 हजार मौतें हुईं। दम तोड़ने वाले बच्चे इसी समाज की धरोहर थे। 2017 के बाद से सरकार ने स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाकर,शासन-प्रशासन के साथ जनता के सहयोग से बीमारी का समाधान निकाला। इन सब का परिणाम यह है कि इंसेफलाइटिस से होने वाली मौतें अब शून्य की तरफ हैं।

पीएम के पंच प्रणों से जुड़कर भारत को बनाना है दुनिया की महाताकत

सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान समय में अपना देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के शताब्दी वर्ष तक हमारा लक्ष्य भारत को विकसित एवं दुनिया की महाताकत बनाने का होना चाहिए। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम सभी को विगत स्वाधीनता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पंच प्रणों से जुड़ना होगा। हमें अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करनी होगी। विकसित भारत बनाने के लिए अपने अपने कार्य क्षेत्र के कर्तव्यों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करना होगा। गुलामी के किसी भी अंग को स्वीकार नहीं करना होगा। हर भारतीय के मन में अभाव होना चाहिए कि अपना देश व धर्म सुरक्षित है। यह प्रसन्नता की बात है कि देश अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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