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आध्यात्म

Chaitra Navratri 2022: व्रत के दौरान इन व्यंजनों का लें ज़ायका, बेहद आसान है इनकी रेसेपी

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कल से चैत्र नवरात्री प्रारम्भ हो ही हैं। इसे हिन्दू साहित्य में महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। इन नौ दिन मां दुर्गा धरती पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इस दौरान व्रत धारण करने वाले भक्तों के जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है। नवरात्रि के दौरान उपवास रखने का मुख्य कारण सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि वैज्ञानिक वजह भी है।

Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि पर ग्रहों का बड़ा उलटफेर, इन 2  राशियों की चमकेगी किस्मत - Chaitra Navratri 2022 big reshuffle of planets  on Chaitra Navratri these two zodiac signs fate

दरअसल, इस समय मौसम के बदलाव के दौरान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, इसलिए हमें ऐसी चीज़े कहानी चाहिए, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करें और उपवास का खाना ऐसा करने में सक्षम है। आइए आज व्रत के समय खाए जाने वाले व्यंजनों की रेसिपी जानते हैं, जिनका सेवन नवरात्रि के उपवास को जायकेदार बना सकते है।

Navratri 2019: Here are some quick and easy recipes to prepare during Chaitra  Navratri

साबूदाना वड़ा

Sabudana Vada photo by stockimagefactory on Envato Elements

इसके लिए सबसे पहले साबूदाना को धोकर दो घंटे के लिए भिगो दें, फिर अतिरिक्त पानी निकाल दें। इसके बाद एक उबले आलू को छील कर कद्दूकस कर लें। अब एक कटोरे में आलू, साबूदाना, दरदरी कुटी मूंगफली, हरी मिर्च, अदरक, तिल, हरा धनिया, नींबू का रस, चीनी और सेंधा नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएं। अब इस मिश्रण से छोटी-छोटी टिकियां बनाकर इन्हें डिप फ्राई कर लें। इसके बाद तैयार साबूदाना वड़ा को धनिये की चटनी के साथ खाएं।

पनीर रोल्स

नवरात्रि के दूसरे दिन बनाएं व्रत वाला पनीर रोल - Navratri ke dusre din  banayen vrat wala paneer roll

पनीर एक लाजवाब खाद्य पदार्थ है, जिसका सेवन किसी भी रूप किया जा सकता है जैसे विभिन्न तरह की सब्जियों से लेकर बेहतरीन स्नैक्स तक। पनीर की खासियत है कि आप इसे उपवास में भी खा सकते हैं। उपवास के दौरान आप पनीर रोल्स ट्राई कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक बाउल में पनीर और आलू को कद्दूकस करके उसमें सेंधा नमक डालें और उसके रोल बनाकर डीप फ्राई करके इस गर्मा-गर्म स्नैक्स का जायका लें।

उपवास के आलू

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इसे बनाने के लिए सबसे पहले अदरक, हरी मिर्च और हरे धनिये को पीसकर दरदरा पेस्ट बना लें। इसके बाद गर्म तेल की कढ़ाही में जीरा भूनकर, इसमें धनिये वाला पेस्ट डालकर पकाएं। अब इसमें टमाटर डालें और इसे गलने तक पकाएं। अब इसमें उबले आलू, थोड़ी चीनी और सेंधा नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएं, फिर इसमें पानी डालकर ढक दें और उबाला दें। अंत में इसमें बारीक कटा हरा धनिया और थोड़ा नींबू का रस डालकर इसका सेवन करें।

सामक ढोकला

Vrat ka dhokla or Sama ke Chawal ka Dhokla, Vrat dhokla without Eno

आमतौर पर उपवास रखने वाले लोग सामक के चावलों से खीर या खिचड़ी बनाते हैं, लेकिन आज हम आपको सामक के चावल का ढोकला बनाने की विधि बताते हैं। सामक ढोकला बनाने के लिए सबसे पहले आवश्यकतानुसार सामक के चावल को सामान्य तरीके से तैयार कर लें। फिर उनको साबुत लाल मिर्च, जीरा, घी और कढ़ी पत्ता का तड़का दें। एकदम ठंडा होने के बाद इसके चकोर पीस काट लें और थोड़ी स्टीम देकर ढोकला तैयार कर लें

आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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