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आध्यात्म

Chaitra Navratri 2022: जानिए चैत्र नवरात्री के व्रत का सही तरीका, इन नियमों का पालन करने से मां होंगी प्रसन्न

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मां आदिशक्ति की उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्रि 02 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो रहा है, जो कि 11 अप्रैल को समाप्त होगा। नवरात्रि के दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की अराधना की जाती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं।

मान्यता है कि नवरात्रि में माता रानी की सच्चे मन से अराधना करने वाले भक्तों की मन की मुरादें पूरी होती हैं। इसके साथ ही उपवास रखने वाले भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। हालांकि शास्त्रों में नवरात्रि व्रत रखने के कुछ नियम बताए गए हैं। कहा जाता है नवरात्रि व्रत में इन नियमों का पालन करना जरूरी होता है।

जानिए मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए-

1. शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि व्रत करने वाले भक्तों को पलंग के बजाए जमीन पर सोना चाहिए। अगर आप जमीन पर नहीं सो सकते हैं, तो लकड़ी के तख्त पर सोना चाहिए।
2. नवरात्रि के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही व्रती को लाभ, काम व क्रोध से दूर रहना चाहिए

3- व्रत करने वाले व्यक्ति को झूठ बोलने से बचना चाहिए। हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए। इसके अलावा नवरात्रि व्रत में बार-बार जल पीने से बचना चाहिए।
4- नवरात्रि व्रत में गुटका, तंबाकू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
5- नवरात्रि के नौ दिन व्रत रखने के दौरान भक्तों को मां दुर्गा के साथ अपने ईष्टदेव का ध्यान करना चाहिए।

जानें नवरात्रि व्रत के लाभ-

नवरात्रि व्रत की महिमा शास्त्रों में भी वर्णित है। नवरात्रि व्रत करने वाले जातकों पर मां दुर्गा की विशेष कृपा होती है। घर में सुख-शांति व समृद्धि आती है। मान्यता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बनाए रखती हैं।

आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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