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मुख्य समाचार

निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे सीएम चन्नी के भाई, नहीं मिला कांग्रेस से टिकट

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पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं, क्योंकि पार्टी ने सीएम के भाई को टिकट देने से इनकार कर दिया है। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

मनोहर सिंह ने रविवार को फतेहगढ़ साहिब जिले के बस्सी पठाना से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने की घोषणा की, जहां कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को बरकरार रखा है।

दरअसल, मुख्यमंत्री अपने भाई को पार्टी का टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे थे, जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में खरड़ के सिविल अस्पताल से वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पद से चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था।

पार्टी के एक परिवार, एक टिकट के नियम के कारण उनके दावे को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया गया था।

यह भी पता चला है कि सिद्धू चन्नी के भाई को पार्टी की उम्मीदवारी आवंटित करने के पक्ष में नहीं थे और मनोहर ने सार्वजनिक रूप से टिकट के लिए दावा करने के बावजूद मौजूदा विधायक के पक्ष में एक रैली की।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने आईएएनएस को बताया कि चुनाव से पहले पार्टी आलाकमान चन्नी और सिद्धू के बीच शांति बनाने की कोशिश कर रहा है, दोनों नेताओं के बीच मतभेद बढ़ रहे हैं और चन्नी के परिजनों को टिकट न देने से यह और भी बढ़ जाएगा।

टिकट नहीं दिए जाने से नाराज मनोहर ने मीडिया से कहा कि वह अपने भाई (चन्नी) से सुबह (रविवार) मिले और उनसे कहा कि वह चुनाव लड़ेंगे।

उन्होंने कहा, मेरा चुनाव लड़ने का फैसला जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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