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CJI यूयू ललित अगले महीने होंगे रिटायर, कौन होगा अगला मुख्य न्यायाधीश?
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल अगले महीने 8 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसी के साथ अब इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि उनके बाद इस पद को कौन संभालेगा। खबर है कि सरकार ने उनसे नाम भी पूछे हैं।
सरकार अगले चीफ जस्टिस की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू करने के लिए तैयार है। इस सप्ताह या अगले सप्ताह की शुरुआत में इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। अभी तक जो प्रक्रिया चली आ रही है उसके मुताबिक केंद्रीय कानून मंत्री सीजेआई को अपने उत्तराधिकारी का नाम बताने के लिए एक पत्र लिखते हैं।
बता दें कि न्यायमूर्ति यूयू ललित के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सबसे वरिष्ठ जज हैं। परंपरा के अनुसार, सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश का नाम सरकार को बताते हैं। अगर इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है तो न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 50वें सीजेआई बनेंगे।
उच्च न्यायालयों में भी होगी जजों की नियुक्ति
देश में न्यायालयों में लंबित मामलों को तेजी से निपटाने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक विभिन्न उच्च न्यायालयों में कुल 153 जजों की नियुक्ति की गई है। सूत्रों ने आने वाले दिनों में और नियुक्तियों के संकेत दिए हैं।
बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट में गुरुवार को छह अतिरिक्त जजों की नियुक्ति की गई। यह पता चला है कि सरकार जल्द ही बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन करने पर भी विचार करने के लिए तैयार है।
यदि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया जाता है, तो सुप्रीम कोर्ट की कार्य क्षमता 30 जजों की हो जाएगी। अभी भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित शीर्ष अदालत के लिए स्वीकृत पद 34 हैं।
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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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