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प्रादेशिक

संविधान के प्रति सम्मान का भाव हर भारतीय का दायित्व होना चाहिएः सीएम योगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तिगत धर्म के साथ ही राष्ट्रधर्म भी है। राष्ट्रधर्म से जुड़ने की प्रेरणा संविधान से प्राप्त होती है। इसलिए संविधान के प्रति सम्मान का भाव हर भारतीय का दायित्व होना चाहिए। जिस भाव से हम अपने पवित्र धर्म ग्रन्थ को घर में रखते हैं, हर भारतवासी को संविधान की प्रति को भी उसी भाव से घर में स्थान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान का वास्तविक संरक्षक भारत का आम नागरिक है।

मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में संविधान दिवस एवं अधिवक्ता कल्याणार्थ आयोजित एक कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इससे पूर्व, संविधान दिवस पर संसद के सेन्ट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम के साथ वर्चुअल माध्यम से जुड़कर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द जी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री जी के साथ इस अवसर पर उपस्थित सभी महानुभाव द्वारा संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी को बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एवं प्रतिनिधियों ने स्मृति चिन्ह भेंट किया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सभी ने आज राष्ट्रपति जी के साथ संविधान की प्रस्तावना को दोहराया है। यह अवसर विशिष्ट है। यह वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव तथा चौरी-चौरा की घटना का शताब्दी वर्ष भी है। ऐसे समय में संविधान दिवस के कार्यक्रम से जुड़ना हम सभी का सौभाग्य है। संविधान के कारण प्रत्येक व्यक्ति को एक समान अधिकार प्राप्त हुए हैं। साथ ही, कुछ कर्तव्य भी निर्धारित किये गये हैं। उत्तर प्रदेश विधानमण्डल ने इस सम्बन्ध में चर्चा के लिए एक विशेष अधिवेशन आयोजित किया था।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत का संविधान 26 नवम्बर, 1949 को अंगीकृत, अधिनियमित एवं आत्मार्पित हुआ। संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद चुने गये। प्रारूप समिति का दायित्व संविधान के शिल्पी डॉ0 भीमराव आंबेडकर को दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान की मूल प्रति को देखकर पता चलता है कि संविधान निर्माता कितने दूरदर्शी थे, जिन्होंने भारत की मूल भावनाआंे को कहीं पर लिपि के माध्यम से और कहीं पर चित्रों के माध्यम से उकेरने का कार्य किया। भारत के संविधान की मूल प्रति भारत की आत्मा भी है, इसमें संदेह नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संविधान के शिल्पी बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर की स्मृति में प्रधानमंत्री जी ने 19 नवम्बर, 2015 को मुम्बई में आंबेडकर स्मारक की आधारशिला रखते हुए 26 नवम्बर को भारत के संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। इसके उपरान्त बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में 26 नवम्बर, 2015 को संविधान दिवस का आयोजन किया गया। तब से प्रति वर्ष संविधान दिवस के अवसर पर पूरा देश संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं एवं संकल्पों को जोड़ने का कार्य करता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की आजादी के समय जब अंग्रेज अपनी कुटिल चाल चल रहे थे। कुछ लोगों ने भारत को अलग-अलग राष्ट्रीयताओं के समूह के रूप में दिखाने का प्रयास किया। इस समय एक बड़ा वर्ग भारत को एक रखने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ होकर कार्य कर रहा था। स्वतंत्रता के पश्चात स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल ने बिना किसी विवाद के सभी की भावनाओं को समेटते हुए देशी रियासतों को जोड़कर भारत का वर्तमान स्वरूप देने का कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य किया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भाषा, जाति आदि से ऊपर उठकर भारत को जिन भावनाओं के साथ स्थापित करने का कार्य उस समय के महापुरुषों ने किया था। उन भावनाओं के प्रति आज भी देश के हर नागरिक में सम्मान का भाव दिखना चाहिए। इस दृष्टि से भारत का संविधान हम सभी को उन भावनाओं के साथ जोड़ता है। जिसमें देश के हर नागरिक की गरिमा, स्वतंत्रता, समानता तथा बन्धुत्व का भाव सम्मिलित है।
मुख्यमंत्री जी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित संविधान दिवस के कार्यक्रम के साथ अधिवक्तागण के सम्मिलित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस रूल ऑफ लॉ के लिए अधिवक्तागण कार्य करते हैं, वर्तमान राज्य सरकार ने विगत साढ़े चार वर्षाें में प्रदेश में उसी रूल ऑफ लॉ को लागू किया है। कानून का राज स्थापित करने के प्रदेश सरकार के प्रयासों से राज्य के सम्बन्ध में देश व दुनिया का पर्सेप्शन बदला है। प्रदेश के आम नागरिक में विश्वास जागृत हुआ है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश की कानून व्यवस्था देश के लिए एक नजीर बन गयी है। प्रदेश की राजधानी मंे आयोजित डी0जी0पी0 कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के प्रेजंेटेशन को सर्वाधिक सराहा गया। तमिलनाडु के डी0जी0पी0 ने प्रदेश में रुक कर महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गये कदमों को देखा, जिससे वह उन्हें अपने राज्य में लागू कर सकें। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश को बीमारू राज्य माना जाता था। इन धारणाओं को बदलते हुए राज्य आज देश का सबसे आकर्षक निवेश गन्तव्य बनकर उभरा है। 44 जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने अधिवक्ता समुदाय के हितों के लिए निरन्तर कार्य किया है। न्यायालयों के आधुनिकीकरण तथा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का कार्य किया है। प्रयागराज में विधि विश्वविद्यालय की स्थापना करायी जा रही है। राष्ट्रपति जी द्वारा इसका शिलान्यास किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को बार और बंेच से जो सहयोग प्राप्त हुआ है, उससे नये भारत का नया उत्तर प्रदेश बनाने में सफलता मिली है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार अधिवक्ताओं के हितों के प्रति संवेदनशील है। 30 वर्ष की सदस्यता पूर्ण कर चुके सदस्यों/उनके आश्रितों हेतु अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि को 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 05 लाख रुपए किए जाने विषयक अध्यादेश दिनांक 18 नवम्बर, 2021 को प्रख्यापित कर दिया गया। इस सम्बन्ध में कल 25 नवम्बर, 2021 को 15 करोड़ रुपए की प्रथम किस्त निर्गत की जा चुकी है। युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरुआती 03 वर्षों के लिए किताब एवं पत्रिका क्रय करने हेतु 05 हजार रुपये की धनराशि प्रदान किए जाने विषयक शासनादेश भी कल 25 नवम्बर, 2021 को निर्गत कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में अधिवक्ता चैम्बर के निर्माण का निर्णय लिया है। जिन जनपदों से अधिवक्ता चैम्बर निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उनके लिए धनराशि निर्गत की जा चुकी है। जिन जनपदों से प्रस्ताव प्राप्त होंगे, उनके लिए धनराशि निर्गत की जाएगी। किसी अधिवक्ता की मृत्यु पर उनके परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि की आयु सीमा को बढ़ाकर 70 वर्ष किए जाने के सम्बन्ध मंे शासनादेश जारी किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आर्थिक सहायता योजना के अन्तर्गत मृतक अधिवक्ताओं के कुल 1,347 आश्रितों को, दिनांक 01 मई 2017 से 31 मई 2021 तक, कल्याण निधि से 65 करोड़ 42 लाख 50 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। आर्थिक सहायता के कुल 41 आवेदन पत्रों का अनुमोदन दिनांक 07 जून, 2021 को हुआ है, जिसमें कुल 02 करोड़ 05 लाख रुपए की धनराशि का भुगतान किया गया है। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा निधि के अन्तर्गत, दिनांक 01 अप्रैल 2017 से दिनांक 31 मई 2021 तक, मृत्यु दावे के रूप में कुल 1,010 मृतक अधिवक्ताओं के आश्रितों को कल्याण निधि से 07 करोड़ 34 लाख 33 हजार 162 रुपए का भुगतान किया गया है।

संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश खन्ना ने संविधान दिवस को समारोह के रूप में मनाने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि किसी संविधान का अच्छा या बुरा होना उसका क्रियान्वयन करने वालों के ऊपर निर्भर है। कोई भी संविधान उतना ही अच्छा या बुरा हो सकता है, जितने अच्छे या बुरे उसको लागू करने वाले होंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के रूप में प्रदेश में सक्षम और न्याय प्रिय नेतृत्व है, जिन्होंने प्रदेश को बीमारू से उत्तम प्रदेश बनाने का कार्य किया है। प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया है। इससे राज्य के सम्बन्ध में लोगों की धारणा बदली है।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में विधायी एवं न्याय मंत्री श्री बृजेश पाठक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारतीय लोकतंत्र देश के संविधान के उपबन्धों के अधीन कार्य कर रहा है। संविधान के शिल्पी डॉ0 भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि डॉ0 आंबेडकर ने देश को एक उत्कृष्ट एवं प्रभावी संविधान दिया है। कार्यक्रम के अन्त में विधायी एवं न्याय मंत्री ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव संसदीय कार्य श्री जे0पी0 सिंह, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रमोद श्रीवास्तव, प्रदेश के महाधिवक्ता श्री राघवेन्द्र सिंह, बार काउंसिल उ0प्र0 के अध्यक्ष श्री श्रीश मल्होत्रा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अमरेन्द्र सिंह, अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राकेश चौधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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