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प्रादेशिक

पिछली सरकारों के एजेंडे में सुरक्षा नहीं थी, 2017 के बाद आया परिवर्तनः सीएम योगी

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मथुरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों में कानून व्यवस्था, दंगे और भ्रष्टाचार को लेकर तीखे शब्दों के तीर चलाए। उन्होंने कहा कि 2012 में सबसे पहला दंगा सपा सरकार में इसी मथुरा की भूमि कोशी कला में हुआ था और अंतिम दंगा भी जवाहर बाग में सत्ता पोषित अपराधियों द्वारा किया गया था, यह सपा के समय का वह विभत्स कांड था, जिसने सपा और उसके मुखिया को कहीं भी मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा था।

यह बातें उन्होंने रविवार को मथुरा के मांट विधानसभा के टेटीगांव में आयोजित जनसभा में कहीं। सीएम योगी ने अपने भाषण की शुरूआत वृंदावन बिहारी लाल को कोटि-कोटि नमन करते हुए की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज एक तरफ सुरक्षा का वातावरण है, तो दूसरी तरफ 2017 के पहले क्या था? क्या पिछली सरकारें सुरक्षा दे पाती थीं? अगर वह सुरक्षा देतीं, तो कोसी कलां का दंगा नहीं होता। अगर वह सुरक्षा दे पातीं, तो जवाहर बाग की घटना नहीं होती। आगरा, बुलंदशहर का उपद्रव नहीं होता।

मुजफ्फरनगर में सचिन और गौरव जैसे नौजवान बहन की रक्षा करते-करते अपने आपको बलिदान नहीं कर पाते, लेकिन पिछली सरकारों के एजेंडे में सुरक्षा कहीं थी ही नहीं। क्योंकि वह सुरक्षा के लिए स्वयं खतरा बने हुए थे। प्रदेश में अराजकता का तांडव था, लेकिन 2017 के बाद परिवर्तन आया है। आज तो विकास की बयार बह रही है। सुरक्षा चहुंओर दिखाई देती है। प्रदेश में सपा सरकार में सात सौ बड़े दंगे हुए और भाजपा की डबल इंजन सरकार में एक भी दंगा नहीं होता है। यह आपके सामने उदाहरण है।

मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने भी विचार रखे। इस दौरान संत भूडोल बिहारी दास जी महराज, डॉ. रामकमल दास वेदांती जी महराज, चित्त प्रकाशानंद जी महराज, महेशानंद जी महराज, जिलाध्यक्ष मधु शर्मा, वरिष्ठ नेता पदम सिंह शर्मा, विजय शिवहरे, व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत गर्ग, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह आदि मौजूद रहे।

गंगा मैया की तर्ज पर ही यमुना भी अविरल और निर्मल होगी: योगी

सीएम योगी ने कहा कि पूज्य संतों का भी आशीर्वाद मिल रहा है। इनका ही सानिध्य है कि आज बृज क्षेत्र फिर से अपने पुरातन वैभव को प्राप्त करते हुए वैष्णव कुंभ के ऐतिहासिक आयोजन को करने में सफल रहा है और इन्हीं के आशीर्वाद से गंगा मैया की तर्ज पर ही यमुना भी अविरल और निर्मल होगी। इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। बृज क्षेत्र का विकास हम सबकी प्राथमिकता में है।

भगदड़, अव्यवस्था और गंदगी का कारक बना सपा, बसपा सरकार में कुंभ: सीएम

सीएम योगी ने कहा कि कुंभ का आयोजन करने का अवसर सपा, बसपा और भाजपा को भी मिला। सपा के समय 2007 में गंदगी और अराजकता का कारण बना था। 2013 में सपा सरकार में कुंभ का आयोजन भगदड़, अव्यवस्था और गंदगी का कारक बन गया था, लेकिन 2019 में प्रयागराज का कुंभ भव्य कुंभ और दिव्य कुंभ के रूप में वैश्विक स्तर पर छा गया। हमें अवसर मिला हमने करके दिखाया। उन्हें अवसर मिला था, लेकिन वह चूक गए। वह राम का विरोध करते थे, श्री कृष्ण का विरोध करते थे। हिंदू देवी देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी करते थे।

सात सौ से अधिक तीर्थों और मंदिरों का पुनरोउद्धार का किया: सीएम

सीएम योगी ने कहा कि पिछले पांच साल में हमारी सरकार ने सात सौ से अधिक तीर्थों और मंदिरों का पुनरोउद्धार का कार्य किया है। सपा सरकार को कोई विकास आपको नहीं दिखाई देता। उनका एक ही विकास दिखाई देता है। उनका विकास कब्रिस्तान की बाउंड्रीवाल तक है। इसके बाहर सपा का विकास कहीं नहीं है और जैसी सोच होगी, वैसा ही तो काम करेंगे। बृज क्षेत्र के विकास के लिए बृज तीर्थ विकास परिषद का गठन करके सरकार पहले ही अपनी मंशा को स्पष्ट कर चुकी है कि बृज क्षेत्र को कोई वंचित नहीं कर सकता। सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है।

बुलडोजर और विकास एक साथ चलेगा: सीएम

सीएम ने कहा कि सपा सरकार में लोग भूख से मरते थे। यहां डबल इंजन की सरकार में डबल डोज राशन की दी जा रही है। ये जो विकास है, राशन है, दवा का पैसा है, यह पहले भी सरकारें दे सकती थीं, लेकिन पहले पैसा इत्र वाले मित्र के घर में चला जाता था। इसीलिए इत्र वाले मित्र को बचाने के लिए सपा, बसपा की संवेदना जरूर फूट पड़ती है। कहते हैं क्यों बुलडोजर चला रहे हैं। हमने कहा बुलडोजर और विकास एक साथ चलेगा।

पेंशन को सपा ने बंद कर दिया था: योगी

सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकार में अन्नदाता किसान को कुछ नहीं मिल पाता था। न उपज का दाम, न गन्ना मूल्य मिल पाता था, न वृद्धजनों, विधवा महिलाओं और दिव्यांगजनों को पेंशन मिल पाता था। पेंशन की राशि को सपा सरकार ने बंद कर दिया था। इस राशि को उन्होंने सपा के पदाधिकारियों में बंदरबांट कर दिया था। हमारी सरकार आई वर्तमान में एक करोड़ वृद्ध महिलाएं और दिव्यांगजनों को 12 हजार सालाना हम पेंशन की सुविधा दे रहे हैं।

देश में वह हर कार्य होगा, जो भारत को वैश्विक मंच पर एक नया पहचान दिलाएगा: योगी

सीएम योगी ने कहा कि अगर पांच सौ वर्षों के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो सकता है और कश्मीर में गुलामी और आतंकवाद के प्रतीक धारा 370 सदैव के लिए समाप्त हो सकता है, तो यह मानकर चलिए कि देश में वह हर कार्य होगा, जो भारत को वैश्विक मंच पर एक नया पहचान दिलाएगा। 1990 के दशक में जब कश्मीर से कश्मीरी पंडित भगाए जा रहे थे, उस समय भाजपा के अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने श्रीनगर के लाल चौक पर झंडा फहराने का आह्वान किया था, तब झंडा फहराने वालों को नेतृत्व आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे रहे थे। उस समय भाजपा के चंद कार्यकर्ता ही पहुंच पाए थे, उसमें राजेश चौधरी भी एक युवा कार्यकर्ता थे।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ समेत पूरे प्रदेश में तैनात होंगे “डिजिटल वॉरियर्स”

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प्रयागराज/लखनऊ। महाकुम्भ 2025 में फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाने, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन प्लेटफार्म पर प्रसारित करने के लिए “डिजिटल वॉरियर्स” को तैनात किया गया है। इसके लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स एवं कॉलेज के छात्रों को जोड़ा गया है। इस अभिनव पहल की सफलता को देखते हुए अब पुलिस महानिदेशक ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए समस्त विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।

मिले सार्थक परिणाम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशा पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वर्ष 2018 में एक सार्थक पहल करते हुए व्हाट्सएप पर सक्रिय समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को डिजिटल वालंटियर्स के रूप मे जोड़ा गया था। वर्ष 2023 में यूपी पुलिस के समस्त पुलिसकर्मियों को जोड़कर “व्हाट्सएप कम्यूनिटी ग्रुप” भी बनाए गए है, जिनकी सहायता से भ्रामक खबरों का खण्डन एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 लाख व्यक्ति डिजिटल वालंटियर्स के रूप में एवं लगभग 02 लाख पुलिसकर्मी कम्यूनिटी ग्रुप के माध्यम से जुड़े हुए है। इन डिजिटल वालंटियर्स के रूप में गांव, मोहल्ले और स्थानीय कस्बे के लोगों को जोड़ा गया था, जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा इसी दिशा में नवीन पहल करते हुए फेक न्यूज के खण्डन, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जाने के लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स एवं कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को यूपी पुलिस का “डिजिटल वॉरियर” बनाए जाने के सम्बन्ध मे प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष को महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए गए है ।

लोगों को करेंगे जागरूक

कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षित करने से इनमे आलोचनात्मक सोच को विकसित किया जा सकता है, जिससे वह किसी भी जानकारी का विश्लेषण और सत्यापन करके यूपी पुलिस के “डिजिटल वॉरियर” बनकर, साइबर क्राइम एवं फेक न्यूज़ को रिपोर्ट कर सकेंगे। साथ ही यह छात्र अपने सामाजिक दायरे में फेक न्यूज एवं साइबर अपराध के प्रति अपने परिवारीजनों एवं मित्रों को भी जागरूक कर सकेंगे ।

04 श्रेणियों में होगा चयन

1- फेक न्यूज के खण्डन एवं साइबर अपराध के प्रति सचेत करने हेतु
2- साइबर अपराध के प्रति जागरुकता हेतु
3- साइबर ट्रेनर के रूप मे
4- पुलिस के अभियानों/सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार

ऐसे किया जाएगा ट्रेन्ड

इन डिजिटल वॉरियर एवं स्कूल के छात्रों को फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम की पहचान करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों/डिग्री कॉलेजों, स्कूलों में अथवा पुलिस लाइन्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

इन कार्यशालाओं में साइबर क्राइम विशेषज्ञों/ फैक्ट चेकर्स, साइबर ट्रेनर और जनपदीय साइबर थाना/ साइबर सेल को शामिल किया जाएगा, जो तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव साझा करेंगे।

जनपदीय पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रबन्धन से आग्रह करके ‘साइबर क्लब’ स्थापित करवाये जाएंगे एवं एक शिक्षक को इसका नोडल अधिकारी नामित करवाया जाएगा ।

इस कार्य में शिक्षा विभाग एवं जनपद में प्रशासन से भी सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

साइबर क्लब के माध्यम से कार्यशालाएं और रचनात्मक सत्र जैसे पोस्टर बनाना, स्लोगन/लघु कहानियां लिखना, सोशल मीडिया हेतु क्रिएटिव एवं वीडियो कंटेंट बनाना इत्यादि गतिविधियां कराई जाएंगी।

कमिश्नरेट, जनपद स्तर, मुख्यालय स्तर से होगी कार्यवाही

1. डिजिटल वॉरियर का चयन करना : डिजिटल वॉरियर के रूप में केवल ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाएंगे, जिनकी छवि स्वच्छ हो और जो विवादास्पद या नकारात्मक गतिविधियों में शामिल न हों। इस कार्य मे इच्छुक उत्तर प्रदेश के बाहर के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी सम्मिलित किया जा सकता है। ऐसे समस्त डिजिटल वॉरियर को परिपत्र के साथ संलग्न फ़ॉर्म को भरकर देना होगा, जिसका गूगल लिंक भी उपलब्ध कराया जा रहा है ।

2. स्वैच्छिक सहयोग और उपक्रम (अंडरटेकिंग) लिया जाना : डिजिटल वॉरियर को चयनित करने से पूर्व उनसे संलग्न फॉर्म के माध्यम से लिखित उपक्रम लिया जाएगा, जिसमें वे यह आश्वस्त करेंगे कि वह पुलिस का सहयोग कर फेक न्यूज़ का खंडन करेंगे, किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ का प्रसार नहीं करेंगे, किसी भी साइबर अपराध में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होंगे, किसी विवादास्पद सामग्री को पोस्ट नहीं करेंगे और भारतीय कानून के अधीन रहकर कार्य करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका सहयोग स्वैच्छिक होगा और उनकी सहमति के आधार पर होगा। यह सभी कार्य पूर्णतया अवैतनिक होगें।

3. डिजिटल वॉरियर के कार्यों का मासिक विवरण: डिजिटल वॉरियर द्वारा चिन्हित की गई फेक न्यूज, पुलिस के सराहनीय कार्यों व योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं पुलिस द्वारा किए गए खण्डन के व्यापक प्रसार का मासिक विवरण भी संकलित किया जायेगा।

4. नोडल अधिकारी की नियुक्ति: प्रत्येक जनपद में एसपी अपराध/नोडल एसपी क्राइम/डीसीपी क्राइम/ एडीसीपी क्राइम को इस कार्य एवं सोशल मीडिया अभियानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा ।

5. डिजिटल वॉरियर द्वारा दायित्वों का पालन: कार्य में रुचि न रखने वाले, अपने दायित्वों का दुरुपयोग करने अथवा स्वयं घोषणा पत्र मे उल्लिखित शर्तों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल वॉरियर से यूपी पुलिस किसी प्रकार का कार्य नहीं लेगी।

6. डिजिटल वॉरियर का प्रोत्साहन: डिजिटल वॉरियर द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के आधार पर प्रतिबद्धता से कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर के गुणवत्तापूर्ण सोशल मीडिया कंटेन्ट को जनपदीय सरकारी सोशल मीडिया पर प्रयोग करने के साथ-साथ उनको प्रशस्ति पत्र एवं मेमेंटों इत्यादि देकर प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा । पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इस दिशा मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर को समीक्षोपरांत प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा ।

फेक न्यूज के खिलाफ बनेंगे मजबूत दीवार

उल्लेखनीय है कि फेक न्यूज एवं साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता अभियान हेतु आयोजित कार्यशालाओं में स्कूल के छात्रों को भी सम्मिलित किया जाएगा परन्तु ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप मे सिर्फ कॉलेज/ विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा ।

जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर ‘डिजिटल वॉरियर’ का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा और पूर्ण प्रशिक्षण के उपरांत यूपी पुलिस के ‘डिजिटल वॉरियर’ फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम के खिलाफ एक मजबूत दीवार के रूप में कार्य करेंगे।

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