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प्रादेशिक

सीएम योगी की बड़ी पहल, एक लाख युवाओं को आज देंगे फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट का तोहफा

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने के लिए बड़ी पहल की है। सीएम योगी की एक करोड़ युवाओं को फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट देने की योजना महज योजना नहीं है, बल्कि इसके जरिये युवाओं के जीवन में तरक्की की नई उड़ान शुरू होने वाली है। इन स्मार्टफोन और टैबलेट के जरिए उन्हें न सिर्फ पढ़ाई के लिए कंटेंट मिलेगा, बल्कि रोजगार से संबंधित जानकारियां भी दी जाएंगीं।

सीएम योगी शनिवार को भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ईकाना स्टेडियम में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंति पर भव्य कार्यक्रम में एक लाख युवाओं को फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट का तोहफा देंगे। इस दौरान सीएम योगी डिजि शक्ति पोर्टल और डिजि शक्ति अध्ययन ऐप भी लांच करेंगे। सभी स्मार्टफोन और टैबलेट में डिजि शक्ति अध्ययन ऐप इंस्टाल है।

इसके माध्यम से संबंधित यूनिवर्सिटी या डिपार्टमेंट छात्रों को पढ़ाई के लिए कंटेंट देंगे। साथ ही शासन की ओर से बूट लोगो और वाल पेपर के माध्यम से रोजगार परक योजनाओं आदि की भी जानकारी दी जाएगी। सरकार की ओर से नामी आईटी कंपनी इंफोसिस से अनुबंध किया जा रहा है। इससे इंफोसिस के शिक्षा और रोजगार से जुड़े 39 सौ प्रोग्राम निशुल्क युवाओं को उपलब्ध होंगे।

आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स विभाग के विशेष सचिव कुमार विनीत ने बताया कि दरअसल, यह योजना सिर्फ निशुल्क स्मार्टफोन और टैबलेट वितरण की नहीं है। यह योजना का आरंभ है। स्मार्टफोन और टैबलेट के जरिए युवाओं को पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार के लिए बेहतरीन कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा। जिसके माध्यम से वह स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

जिलों में स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम का होगा आयोजन

योगी सरकार ने युवाओं को पढ़ाई से लेकर वजीफा, प्रतियोगी परीक्षा, नौकरी और रोजगार दिलाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया है। जिस कारण पौने पांच साल में तीन करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर और साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। कल लखनऊ में होने वाले कार्यक्रम में पहले चरण में अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे प्रदेश भर के युवाओं को फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट दिया जाएगा। इसके बाद जिलों में स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन कर वितरण किया जाएगा।

कल के बाद से फिर शुरू होगा रजिस्ट्रेशन

सीएम योगी की तरफ से युवाओं को अब तक का सबसे बड़ा तोहफा दिया जा रहा है। इससे युवाओं को पढ़ाई से लेकर नौकरी की तैयारी करने में काफी मदद मिलेगी। जिन युवाओं का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है, उन युवाओं का डिजि शक्ति पोर्टल पर कल के बाद फिर से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।

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उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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