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प्रादेशिक

सीएम योगी ने 8 लाख पंचायत प्रतिनिधियों को लिखा पत्र, इस बात का किया आह्वान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के आठ लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों को व्यक्तिगत पत्र लिखा है। साथ ही दीपावली पर्व की शुभकामनाएं भी दी हैं। उन्होंने क्षेत्र के विकास कार्यों में सहभागी बनने का आह्वान किया है।

पत्र हर सदस्य को उसके नाम व पते के साथ लिखा

बता दें कि प्रदेश में 7.31 लाख से अधिक ग्राम पंचायत सदस्य व 75 हजार से अधिक क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। खास बात ये है कि मुख्यमंत्री ने यह पत्र हर सदस्य को उसके नाम व पते के साथ लिखा है। यही नहीं यह पत्र हर क्षेत्र, पंचायत व ग्राम पंचायत सदस्य को दीपावली से पहले पहुंच जाए, इसकी सख्ती से निर्देश दिए हैं।

लिफाफों का दुरुपयोग न हो, यह सुनिश्चित किया जाए

निदेशक पंचायतीराज अनुज कुमार झा ने बताया कि ‘प्रदेश के ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्यों को पत्र उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिला पंचायतराज अधिकारियों को दी गई है। उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मुख्यमंत्री के संदेश के लिफाफे संबंधित ग्राम पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य को ही दिए जाएं। संदेश व लिफाफों का दुरुपयोग न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के संदेश बुधवार तक प्रत्येक दशा में संबंधित सदस्यों को प्राप्त करा दिए जाएंगे।’

गांवों के विकास की सबसे महत्वपूर्ण इकाई

मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत सदस्यों से कहा है कि ‘पंचायतीराज व्यवस्था में ग्राम पंचायतें गांवों के विकास की सबसे महत्वपूर्ण इकाई हैं। आप न सिर्फ अपनी गांव की मूलभूत समस्याओं से भलीभांति परिचित हैं बल्कि इन समस्याओं के स्थायी निराकरण व गांव के विकास की जिम्मेदारी आपके कंधों पर है। इसी तरह क्षेत्र पंचायतों को ग्राम पंचायत व जिला पंचायत के बीच कड़ी बताते हुए क्षेत्र पंचायत सदस्यों को विकास खंड के अंदर पड़ने वाली ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिए जिम्मेदार बताया है।’

तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री ने कहा है कि ‘शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसमें सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, ग्रामीण आवास योजना, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, स्वच्छ भारत मिशन व मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए आपके ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत में विकास के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। ग्रामीण सचिवालय की स्थापना व बीसी सखी जैसी पहल की गई हैं।’

उत्तर प्रदेश

संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान की पहचान, कोई बिखर तो कोई निखर जाता है: सीएम योगी

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लखनऊ |  संकट में हर व्यक्ति और संस्थान की पहचान होती है। जब अचानक कोई चुनौती आती है तो लोग बड़े-बड़े दावे करके मैदान छोड़ भाग जाते हैं। यह वह समय होता है, जब कोई बिखर जाता है और जो चुनौतियों का सामना करता है वो निखर जाता है। हमें बिखरना नहीं है। केजीएमयू के गौरव को बढ़ाना है। ध्यान रहे कि कोई भी मरीज निराश न जाए। सीएम ने कहा कि संस्थान नई-नई सेवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्ष 1905 में जब मेडिकल कॉलेज खुलने की बात आई होगी तो उस समय रियासतों ने सहयोग किया होगा। 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से मेडिकल कॉलेज शुरू हो गया। वहीं संस्थान आज अपनी शानदार यात्रा के साथ देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के रूप में अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। आज केजीएमयू का दायरा लगभग 100 एकड़ के क्षेत्रफल में होने जा रहा है। यह शानदार सफर ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा।

यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने शनिवार को केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह में 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन ने संस्थान को सब कुछ दिया है। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। हमें सेवाओं को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिये। संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा, ताकि संस्थान के गौरव को और आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान केजीएमयू में मिसाल पेश की है। सीएम ने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था, लेकिन जांच में वह निगेटिव मिले। इस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया जबकि केजीएमयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरुप पूरी तत्परता से काम किया। परिणाम हम सभी के सामने हैं। उन्होंने कहा कि यहां मेडिकल की सबसे अधिक सीटें हैं, जहां पर छात्र पढ़ाई करके आने वाले समय में चिकित्सा संस्थान की उपलब्धियों को और भी आगे लेकर जाएंगे। सरकार ने भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों और लैब के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अलावा 377 करोड़ रुपये से सर्जरी डिपार्टमेंट की एक नई बिल्डिंग के लिए स्वीकृत की है। वहीं फायर सिक्योरिटी के लिए लगभग 46 करोड़, लारी कॉर्डियोलॉजी के विस्तार के लिए 70 करोड़ रुपये दिये हैं।

बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है, इसका ध्यान रखें डॉक्टर्स और स्टाफ

सीएम योगी ने संस्थान के चिकित्सकाें को मरीजों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू, टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने पर विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, इलाज में पैसा समस्या नहीं है। दिनचर्या से आज मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। दूसरी बीमारी स्मार्ट फोन बन गई है। इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार किया जाना चाहिये। साथ ही इसे रोकने के लिए जागरुकता फैलानी होगी। सीएम ने कार्डियक सर्जरी, किडनी- आर्गन ट्रांसप्लांट के साथ डोनेशन पर तेजी के साथ विस्तार करने की अपील की। बोले-इसके बारे में लोगों के मन में एक चेतन को जागृत करने की आवश्यकता है। उन्हे बताने की आवश्यकता है कि कोई व्यक्ति अगर ब्रेन डेड हो गया है और उसके अंग अगर किसी दूसरे व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं तो डोनेट करने में क्या बुराई है। इसे लेकर केजीएमयू को अवेयरनेस कैंप, विभिन्न कार्यक्रम, होर्डिंग और पंफलेट आदि के जरिये जागरुकता की ओर ध्यान देना चाहिये। सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस विभाग का पैसा खर्च नहीं हो पाता है। इस ओर ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदना होती है। सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का काम और व्यवहार भी ठीक होगा। बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है। ऐसे में सेवा और शिक्षा दोनों फील्ड में यह मानक तय करने होंगे।

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सीएम योगी को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक आईआईटी कानपुर प्राेफेसर मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन आदि की उपस्थिति रही।

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