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प्रादेशिक

गोंडाः सीएम योगी ने किया एशिया के सबसे बड़े एथेनॉल प्लांट का उद्घाटन

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोंडा के मैजापुर में बलरामपुर चीनी मिल परिसर में एशिया के सबसे बड़े एथेनाल प्लांट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अन्नदाता अपने खेत में गन्ने के साथ डीजल और पेट्रोल का भी उत्पादन करने जा रहा है। एथेनाल प्लांट लगेगा। उन्होंने जो पैसा पहले विदेशों में जाता था, अरब में जाता था, अब वह एथेनॉल उत्पादन के माध्यम से हमारे किसान की जेब में जाएगा। किसान खुशहाल होगा तो देश खुशहाल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले पेट्रोल के नाम पर जो पैसा खर्च होता था, इसका एक छोटा सा हिस्सा भारत विरोधी गतिविधियों में कार्य करने वाले लेकर चले जाते थे। हमारा ही पैसा हमारे खिलाफ खर्च होता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि एथेनॉल प्लांट के शिलान्यास के साथ ही मैजापुर चीनी मिल की क्षमता को भी बढ़ाया जा रहा है और 15 मेगावाट की बिजली उत्पादन का नया संयंत्र लग रहा है। इसे यह पूरा क्षेत्र जगमगाएगा, रोजगार की संभावनाएं बनेंगी।

उन्होंने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में किसान आत्महत्या कर रहा था। क्रय की कोई व्यवस्था नहीं थी। प्रदेश में दंगे होते थे, अराजकता व्याप्त थी, लेकिन 2017 के बाद प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदल दी है। आज चीनी मिल समय पर भुगतान कर रहे हैं। साथ ही गेहूं, धान, दलहन, तिलहन के क्रय केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। अकेले गोंडा जनपद में ही 92,000 कुंतल से अधिक गेंहू की खरीद हुई है। एमएसपी किसान के खाते में सीधे गया है।

उन्होंने कहा कि 2017 के पहले तो प्रदेश में ऐसी सरकार थी जो पर्व और त्योहारों पर दंगा करवा देती थी और अयोध्या में राम जन्मभूमि आतंकी हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमों को वापस लेती थी। वह तो धन्यवाद है इलाहाबाद उच्च न्यायालय का, जिन्होंने प्रदेश सरकार की इस मंशा को पूरा नहीं होने दिया था। जो ये दंगाई हैं, जिन्ना के अनुयाई हैं, वो इस गन्ने की मिठास को क्या समझ पाएंगे?
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार आई तो पर्व और त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाए जाने लगे। आपके पर्व और त्योहारों के सामने तो अब कोरोना भी मात खा गया है। यह नए उत्तर प्रदेश की तस्वीर है। हमने प्रदेश को दंगा मुक्त प्रदेश बनाया। पिछले साढे 4 वर्षों में एक भी दंगा नहीं हुआ। आतंकवादियों को भाजपा सरकार ने उनकी मांद में घुसकर के मारा है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस, बबुआ, बुआ को तो पूरा मौका मिला था प्रदेश में कार्य करने का। पहले विकास के लिए नहीं काम होता था। इनके दोहरे चरित्र, इनके बहकावे में कभी मत आना। क्योंकि इन लोगों के बयानों से तो गिरगिट भी शरमा जाता है। अकेले गोंडा जनपद में हम लोगों ने विगत साढ़े चार वर्ष के अंदर 42,000 लोगों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराए हैं।
उन्होंने कहा कि गरीब को पहले भी मकान, शौचालय, बिजली दी जा सकती थी, लेकिन यह लाभ पहले नहीं मिलता था। यह मोदी जी और योगी के आने के बाद ही मिलना प्रारंभ हुआ है। 2017 के पहले तो सारा राशन सैफई चला जाता था। आज कोरोना टेस्ट फ्री, उपचार फ्री, राशन फ्री और फ्री में वैक्सीन भी मिली। आज हम साढ़े 15 करोड़ लोगों को वैक्सीन दे चुके हैं।

मुझे याद है कि 2016 में प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। मैं गोरखपुर से सांसद था। कुशीनगर में भूख से मौत का पता चलने पर मैं वहां गया तो पता चला कि मरने वाले मुसहर जाति के लोग थे। वहां पता चला कि उनका राशन कार्ड समाजवादी पार्टी के किसी पदाधिकारी ने अपने घर में रखा था और वह उसके नाम से राशन लेता था। सोनभद्र में, चित्रकूट में भूख से मौत 2016 में होती थी। 2017 के बाद ना प्रदेश में कोई दंगा हुआ,न किसी किसान ने आत्महत्या की और न ही कोई भूख से मौत हुई है। मुझे याद है कि पहले गोंडा से देवीपाटन आने में साढ़े तीन घंटे लगते थे और अब 45 मिनट में मैं पहुंच जाता हूं। पहले बिजली बरसात के समय आकाश में चमकती थी, आज सबको बिजली मिल रही है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान सरकार और भाजपा के लोग ही लोगों की मदद कर रहे थे। सपा, बसपा और कांग्रेस के लोग घरों में बैठे थे। ट्विटर पर गलत सूचनाएं दे रहे थे। अब ऐसे लोगों को कहने की जरूरत है कि वह अपने घर में ही पड़े रहें। उन्होंने कहा कि प्लांट को बेहतर कनेक्टिविटी देने की आवश्यकता है। यह प्लांट लोगों को रोजगार देगा जो जीवन में परिवर्तन लाएगा। आज गोंडा जनपद में मेडिकल कॉलेज बन रहा है। भाजपा बिना भेदभाव के विकास की योजना को आगे बढ़ाएगी। आज एक बड़ा निवेश लगभग साढ़े सौ करोड़ रुपए का निवेश इस क्षेत्र में हो रहा है। व्यापार के, रोजगार के अवसर खुलेंगे। गोंडा जनपद समेत देवीपाटन मंडल के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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