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प्रादेशिक

वैक्सीन का विरोध करने वाले मानवता के खिलाफ: सीएम योगी

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लखनऊ। जो लोग पांच वर्ष पहले ही सत्ता से बाहर हो चुके हैं आज उनकी दीवालों से करोड़ों रुपये के नोट निकल रहे हैं। यह आपके अन्न का पैसा ऐसे ही भ्रष्टाचार की चपेट में आ जाता था। गरीबों का पैसा आज इनकम टैक्स द्वारा दीवालों से निकाला जा रहा है। पहले सड़क का पैसा नेताओं के जेब में चला जाता था। आज आपके जनपद के लाल की वजह से आपको चौड़ी सड़कें मिल रही हैं। हमारी सरकार एक तरफ आस्था और विकास पर काम कर रही, दूसरी तरफ अपने देखा है कि समाजवादी इत्र बनाने वालों के यहां से गरीबों का लूटा गया पैसा निकल रहा है। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कौशाम्बी में जन विश्वास यात्रा के दौरान कहीं।

कौशाम्बी में 87 करोड़ रुपये की 99 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करने व जनविश्वास यात्रा में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कौशाम्बी जनपद भले ही बाद में इकाई बनी हो लेकिन यह संस्कृति की प्राचीन धरा है। ये धरती हमारे साथी केशव प्रसाद मौर्य की भी धरती है साथ ही यह सांसद विनोद सोनकर की धरती है जिन्होंने त्रिपुरा में जाकर कमल खिलाया है। हमारी सरकार गांव गरीब के विकास के लिए काम कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गरीबों की योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के सभी को दिया जा रहा है। कोरोना जैसी महामारी में भी फ्री राशन, फ्री वैक्सीन दिया जा रहा है। कुछ लोग वैक्सीन का विरोध कर रहे हैं वो मानवता के खिलाफ थे। वो केवल दुष्प्रचार करके जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस, सपा और बसपा पर तंज कसते हुए कहा कि कोरोना काल के समय केवल केन्द्र सरकार थी या फिर भाजपा की प्रदेश सरकार और संगठन के कार्यकर्ता, यही थे आपके लिए। वहीं कोरोनाकाल में कांग्रेस के भाई बहन गायब थे, इटली में आनंद मना रहे थे। बुआ तो आयी ही नहीं आज तक और बबुआ स्मार्टफोन पर खेल रहा होगा। बबुआ की आदत अब तक नहीं गई। छोटे बच्चों की तरह अभी भी गेम खेलते हैं।

सपा पर बड़ा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपने अन्न का पैसा सपा सरकार में भ्रष्टाचार की चपेट में आ जाता था। पहले सड़क का पैसा नेताओं की जेब में चला जाता था। आज यही गरीबों का पैसा इनकम टैक्स द्वारा सपा की दीवालों से निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी मैं प्रयागराज में बड़ा काम करने जा रहा हूं। वहां जिन माफियाओं ने जनता के हक को हड़पकर बड़ी-बड़ी हवेलियां बनवाई गई थीं उन पर अब बुलडोजर चलवाकर गरीबों के लिए आवास बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि फर्क साफ है। पहले रामभक्तों पर गोली चलवाई जाती थी, अब भव्य राममंदिर का निर्माण हो रहा है। पहले कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई जाती थी, कुंभ के आयोजन पर विघ्न डाला जाता था। आज किसी वाद नहीं राष्ट्वाद के साथ जन-जन के बीच जाना है। इस संदेश को लेकर लोगों तक जनविश्वास यात्रा लेकर जाना है।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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