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प्रादेशिक

सीएम योगी ने साधा विपक्ष पर निशाना, बोले-जो पैसा केंद्र से आता था उसे भी हड़प लिया जाता था

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लखनऊ। पिछली सरकारें गो तस्करी कराती थीं, अवैध बूचड़खाने चलवाती थीं, आतंकवादियों के मुकदमें वापस लेती थी और महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ किया जाता था, लेकिन किसानों की कोई मदद नहीं की जाती थी। जो पैसा केन्द्र से सहायता के लिए आता था, उसे भी हड़प लिया जाता था। ये बातें मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने बदायूं में मंगलवार को कहीं। वह 1328 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलन्यास करने पहुंचे थे।
मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारें गो तस्करी और अवैध बूचड़खाने चलवाने को इतना महत्व देती थी कि उन्हें अन्य विकास कार्यों से मतलब ही नहीं था। जनहित के कार्यों को छोड़कर आतंकवादियों के मुकदमे वापस करवाती थीं, कानून व्यवस्था इतनी बदहाल थी कि सरेआम महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ किया जाता था। किसानों की कोई मदद नहीं करने वाला था। जनता के विकास के लिए जो पैसा केंद्र सरकार भेजती थी, उसे भी हड़प लिया जाता था। हमारी सरकार ने गो तस्करी और बूचड़खानों को पूरी तरह से बंद करवाया। यही नहीं, गोवंश के लिए आश्रयस्थल खुलवा। जनता को गोसेवा से जोड़ने के लिए योजना चलाई गई। इसके तहत जो किसान या परिवार गोवंश को पालेगा, उसे 900 रुपया महीना सरकार देगी।

परिवार महाभारत काल की याद दिलाता था

मुख्यमंत्री योगी ने बिना नाम लिए अखिलेश यादव पर हमला बोला और कहा कि पहले नौकरी निकलती थी तो पूरा खानदान वसूली पर निकल जाता था। खानदान में कोई ऐसा नहीं था जो महाभारत की याद न दिलाता हो। कोई काका था, कोई मामा था, कोई चाचा था और कोई बबुआ था। नियुक्ति के नाम पर वसूली की जाती थी, लेकिन नियुक्ति नहीं होती थी। हमारी सरकार में साढ़े चार लाख नियुक्तियां हुईं, जिन पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। जिन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही हैं, उन्हें रोजगार के साथ ही निजी क्षेत्रों में काम दिया जाएगा। निजी निवेश के माध्यम से भी बड़े पैमाने पर एक करोड़ 61 नौजवानों को रोजगार या नौकरी उपलब्ध कराई गई। 60 लाख लोगों को ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, मुद्रा योजना, स्वत: रोजगार को भी जोड़ने का काम किया गया है।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया कोरोना से ग्रस्त है। इसके बावजूद जीवन और जीविका कैसे बचनी चाहिए, यह प्रधानमत्री के दिशा निर्देश में दिखाई दिया। प्रधानमंत्री की प्रयासों से आज कोरोना अपने खात्मे की ओर है। जब केन्द्र और प्रदेश के सरकार जनता की सेवा कर रही थी। तब विपक्ष के किसी नेता का अता-पता नहीं था। अब इन्हें सबक सिखाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि स्वच्छ भारत मिशन में दो करोड़ 61 लाख शौचालय, 43 लाख आवास, 1 करोड़ 43 लाख नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
इसके अलावा आपके जनपद में 700 करोड़ का सब स्टेशन बनाया जाएगा। आयुष्मान योजना में उपचार के लिए पांच लाख रुपये का बीमा कवर भी दिया गया। पिछली सरकारों के लिए अपना खानदान ही महत्वपूर्ण था। प्रदेश की जनता कोई मायने नहीं रखती थी, लेकिन प्रधानमंत्री के लिए 130 करोड़ की जनता परिवार है और हमारे लिए प्रदेश की 25 करोड़ जनता ही हमारा परिवार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी बदायूं वेदों के अध्ययन के केंद्र के रूप में जाना जाता था। कहते हैं कि महाराज भगीरथ ने तपस्या की थी, जिनके तपस्या से गंगा जमीन पर आई और जिससे हजारों साल पहले से यहां खेती के लिए उपजाऊ जमीन मिलती है। इन संभावनाओं को पिछली सरकारों ने टटोलने का प्रयास किया होता तो यहां का किसान देश और दुनिया का पेट भरने का सामर्थय रखते होते, लेकिन इनके लिए क्रय केन्द्र तक नहीं खोले जाते थे, लेकिन प्रधानमंत्री जी ने इन किसानों के लिए मिट्टी की जांच करके खेतों को और ऊपजाऊ बनाने का काम किया। स्वायल हेल्थ कार्ड जारी किया। फसल बीमा योजना, सिंचाई योजना के अलावा लागत का डेढ़ गुना दाम मिले इसके लिए एमएसपी जारी की। 2019 में किसानों को सम्मान निधि जारी की, जिसका 12 करोड़ किसानों को लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में साढ़े 13 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। पिछली सरकारों ने तो जनजाति छात्रवत्ति ही हड़प ली थी। उन्होंने कहा कि 2015 में होतू चक्रवात आया था, लेकिन मार्च 2017 तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला। इस साल अक्टूबर के महीने में भारी बारिश के कारण फसल डूब गई। हमारी सरकार ने उन किसानों के पास साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये भेज चुकी है। जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला उनको भी जल्द ही दिया जाएगा। पहले आपदा में जनधनहिन होती थी कोई पूछता नहीं था। लेकिन हमारी सरकार में 24 घंटे में पीड़ितों के पास हमारा जनप्रतिनिधि या शासन का कोई व्यक्ति चेक लेकर पहुंच जाता है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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