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उत्तर प्रदेश

उत्तराखंड से आए मेधावी विद्यार्थियों और शिक्षकों के दल से CM योगी ने की मुलाकात

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CM Yogi met a team from Uttarakhand

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने आवास पर उत्तराखंड से आए मेधावी छात्र छात्राओं के एक दल से मुलाकात की। देव प्रयाग विधानसभा के विधायक विनोद कंडारी के नेतृत्व में विभिन्न विद्यालयों के 60 छात्र छात्राओं और 16 शिक्षकों का दल इस समय भारत भ्रमण शैक्षणिक दर्शन पर है। यात्रा के दौरान विद्यार्थियों और शिक्षकों का ये दल लखनऊ के बाद अयोध्या और कानपुर भी जाएगा।

यात्रा को करें लिपिबद्ध
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले सभी मेधावी बच्चों और उनके शिक्षकों से परिचय प्राप्त किया। मुख्यमंत्री को बताया गया कि मेधावी बच्चों का ये दल शनिवार को लखनऊ, रविवार को अयोध्या और सोमवार को कानपुर का शैक्षणिक भ्रमण करेगा। बच्चों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अपने शैक्षणिक भ्रमण को महज यात्रा भर ना रहने दें, इसे लिपिबद्ध जरूर करें। आप जहां भी जाएं, उसके बारे में लेख तैयार करें।

सीएम ने किया मार्गदर्शन
मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को लखनऊ में चिड़ियाघर और विधानसभा भवन देखने तथा मेट्रो रेल सेवा का अनुभव प्राप्त करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लखनऊ के चिड़ियाघर में उन्हें समृद्ध वन्यजीवन के दर्शन होंगे। इसके अलावा लखनऊ मेट्रो आधुनिक परिवहन की एक महत्वपूर्ण सेवा है, जिससे आप सभी को परिचित होना चाहिए। सीएम ने बच्चों को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर, हनुमानगढ़ी और सरयू नदी के दर्शन करने को भी कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों के भ्रमण कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो, इस बात को सुनिश्चित किया जाए।

उत्तराखंड से है अटूट रिश्ता
सीएम योगी ने बच्चों से बातचीत के दौरान उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अटूट रिश्तों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत वर्तमान उत्तराखंड के ही रहने वाले थे। इसके अलावा हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी भी उत्तराखंड के निवासी थे जिन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।

उन्होंने बताया कि उनका भी जन्म उत्तराखंड में ही हुआ है और हाईस्कूल की शिक्षा उन्होंने टिहरी से प्राप्त की है। मुख्यमंत्री ने बच्चों को यूपी और उत्तराखंड के बीच की भौगोलिक विविधता की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पौराणिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र बिंदु है। शैक्षणिक यात्रा के दौरान आप सबको इसकी विशिष्ट विविधता के दर्शन होंगे। मुख्यमंत्री ने दल में शामिल सभी सदस्यों को ओडीओपी के उपहार भी भेंट किया।

सीएम से मिलकर खुश हुए विद्यार्थी
वहीं मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात करके विद्यार्थियों का दल भी गदगद दिखाई दिया। बच्चों ने सीएम से कहा कि अब तक उन्होंने सिर्फ टीवी में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देखा था। आज पहली बार उन्हें सामने से देखना अकल्पनीय अहसास है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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