प्रादेशिक
यूपी सरकार की प्रभावी रणनीति और प्रयासों से नियंत्रण में कोरोना संक्रमण: सीएम योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्रभावी रणनीति और निरन्तर प्रयासों से राज्य में कोरोना संक्रमण नियंत्रित स्थिति में है। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के प्रभावी नियंत्रण के पश्चात जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। उन्होंने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 12 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 31 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 227 है।
जनपद अलीगढ़, अमरोहा, अयोध्या, बागपत, बलिया, बांदा, बस्ती, भदोही, बिजनौर, चित्रकूट, देवरिया, फतेहपुर, गाजीपुर, गोण्डा, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, कौशाम्बी, ललितपुर, महोबा, मथुरा, मीरजापुर, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, शामली, सीतापुर और सोनभद्र में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 1,85,793 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 07 करोड़ 36 लाख 38 हजार 873 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार लक्षित आयु वर्ग के सभी नागरिकों को कोरोना टीकाकरण का सुरक्षा कवच निःशुल्क उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन कार्य को पूरी सक्रियता से जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि जिन लोगों को कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जानी बाकी है, उनसे सम्पर्क स्थापित कर वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के लिए प्रेरित किया जाए। बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश में अब तक 07 करोड़ 75 लाख 34 हजार 131 कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद फिरोजाबाद में डेंगू व अन्य वायरल बीमारियों की रोकथाम के लिए अतिरिक्त बेड, चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, जांच उपकरण आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। आवश्यकता अनुसार इसमें बढ़ोत्तरी की जाए। फिरोजाबाद जनपद की स्थिति पर 24 घण्टे नजर रखी जाए। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा भी मरीजों एवं परिजनों से सम्पर्क स्थापित कर उन्हें मदद प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक किया जाए, जिससे वे बीमारियों के प्रारम्भिक लक्षण होने पर ही तत्काल निकटतम अस्पताल से सम्पर्क करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डेंगू व अन्य वायरल बीमारियों की रोकथाम के लिए जनपद लखऊ के एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 और आर0एम0एल0आई0एम0एस0 के 03-03 विशेषज्ञ चिकित्सकों की 03 टीम गठित कर जनपद फिरोजाबाद, मथुरा एवं आगरा भेजी जाएं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की यह टीम स्थानीय डॉक्टरों को मार्गदर्शन प्रदान करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्राम्य विकास, नगर विकास, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एचं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ स्वछता और स्वास्थ्य सुरक्षा का विशेष अभिान चलाया जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल बीमारियों की रोकथाम के लिए आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों सहित सभी सम्बन्धित कर्मियों का सक्रिय सहयोग लिया जाए। शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। लोगों को पानी उबालकर और छानकर पानी पीने के लिए जागरूक किया जाए। क्लोरीन की गोलियां भी वितरित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पंचायतीराज विभाग और नगर विकास विभाग द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में स्वच्छता-सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जाए। यह सभी कार्य मिशन मोड में सभी 75 जिलों में त्वरित रूप से प्रारम्भ कर दिए जाएं। निगरानी समितियों को एक्टिव किया जाए।
उन्होंने कहा कि फिरोजाबाद में स्वास्थ्य एवं नगर विकास के कतिपय अधिकारियों द्वारा दायित्व निर्वहन में लापरवाही अनियमितता की पुष्टी हुई है। प्रकरण का परीक्षण कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य पूरी तत्परता से संचालित किये जाएं। प्रभावित लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। इन्हें राशन व फूड पैकेट सहित सभी आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 सहित आपदा प्रबन्धन टीमें पूरी तरह सक्रिय मोड में रहें।
उत्तर प्रदेश
हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी
महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।
हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।
आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।
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