प्रादेशिक
कोरोना संक्रमण से बचाव में कोविड टीकाकरण एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच हैः सीएम योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाये रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए। मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 14 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 06 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया।
वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 167 है। जनपद अलीगढ़, अमेठी, अमरोहा, औरैया, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, चन्दौली, चित्रकूट, गाजीपुर, गोण्डा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जालौन, कानपुर देहात, कासगंज, लखीमपुर खीरी, महोबा, मैनपुरी, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर और उन्नाव में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98.7 प्रतिशत है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 2,14,938 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 07 करोड़ 85 लाख 58 हजार 222 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कोविड वैक्सीनेशन कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव में कोविड टीकाकरण एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है। राज्य में गत दिवस तक 10 करोड़ 59 लाख 46 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ले चुके लोग समय से दूसरी डोज लें, इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि केन्द्र व राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से प्रदेश में अब तक 462 ऑक्सीजन प्लाण्ट क्रियाशील हो चुके हैं। मुख्यमंत्री जी ने इन प्लाण्टों के सुचारु संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित तकनीशियनों की तैनाती करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शेष निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लाण्टों की स्थापना की कार्यवाही तेजी से की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद गौतमबुद्धनगर में कॉलरा व सिद्धार्थनगर में डायरिया से बीमार होने की सूचना प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था की जाए। उन्होंने स्वच्छता, फॉगिंग और सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संचारी रोगों से बचाव के सम्बन्ध में जागरूकता के विशेष कार्यक्रम संचालित किये जाएं। उन्होंने स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराये जाने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए आवश्यकतानुसार क्लोरीन की गोलियां भी वितरित की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को समयबद्ध ढंग से छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाए। सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि समस्त देय छात्रवृत्ति तथा शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान निश्चित समयावधि में कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों के बैंक खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से पेंशन राशि की दूसरी किस्त अन्तरित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों का आकलन प्रत्येक दशा में आगामी 15 दिनों में कर लिया जाए। प्रभावित किसानों को हुए नुकसान की भरपाई समय से सुनिश्चित की जाए। राजस्व तथा कृषि विभाग द्वारा इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान की जाए। जिन लोगों के मकान छतिग्रस्त हुए हैं, ऐसे लोगों को नियमानुसार तत्काल सहायता प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कतिपय पुलिस कार्मिकों के अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्मिकों को चिन्हित कर नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि गम्भीर अपराधों में लिप्त पुलिस कार्मिकों की बर्खास्तगी भी की जाए। उन्होंने कहा कि दागी छवि वाले कार्मिकों को फील्ड में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती न दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ी शिकायतों/समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए। बैठक में अवगत कराया गया कि विगत दो दिनों में 26,000 से अधिक शिकायतों/आपत्तियों का निराकरण कराया गया है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से किसानों से संवाद कर निराकरण के सम्बन्ध में उनका फीडबैक भी लिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी
महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।
हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।
आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।
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