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आज का समाजवाद एक बहुरूपिया ब्रांड बन चुका है: योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा में समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकारें केवल चार्वाक के इस सिद्धांत पर विश्वास रखती थीं,’यावत् जीवेत् सुखं जीवेत् ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत्।’ इनका बस यह भाव होता था कि ‘जब तक जियो, सुख से जियो, ऋण लो और घी पियो’। हालांकि मात्र चार वर्षों में उत्तर प्रदेश, देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इंतजार करिए, वर्ष 2022 के बाद जब हम पांच वर्षों के लिए फिर आएंगे न, उत्तर प्रदेश, देश की पहले नंबर की इकोनॉमी बनेगी।

सीएम योगी ने कहा, ‘मैं जब मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठने लगा तो शास्त्री भवन की दुर्गति को देखकर मैंने पूछा कि यहां पूर्व मुख्यमंत्री जी आते थे या नहीं, तो वहां किसी ने बताया कि कभी-कभी आते थे। यदि, मुख्यमंत्री साल में एक-दो बार ही कार्यालय आएंगे तो प्रदेश का बेड़ा गर्क तो होना ही था और वही हुआ भी। शासन के कुछ चेहरे बदले हैं, तंत्र वही है। सोर्स ऑफ इनकम भी वही हैं। हमने केवल कार्यपद्धति बदली है। लोगों के मन में एक विश्वास उत्पन्न किया है। समाजवादी पार्टी की सरकार के पास, प्रदेश के सर्वसमावेशी, सर्वकल्याणकारी तथा विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला दृष्टिकोण नहीं था।’

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रख्यात समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया जी ने कहा था कि समाजवादी को संतति और संपत्ति के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। आज का समाजवाद, एक बहुरूपिया ब्रांड बन चुका है, ‘जातिवादी समाजवाद’ हो गया है, ‘पारिवारिक समाजवाद’ हो गया है।

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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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