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प्रादेशिक

‘टूरिज्म कार्निवाल’ में बोले सीएम योगी- यूपी में पर्यटन के विभिन्न क्षेत्रों में विकास की असीम सम्भावनाएं

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्प्रिचुअल, हेरिटेज, ईको सहित पर्यटन के विभिन्न क्षेत्रों में विकास की असीम सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को साकार करने के लिए समन्वित तथा और प्रभावी प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के पर्यटन स्थलों को विकसित करने, सहेजने के साथ ही, देश-दुनिया के सामने और आकर्षक तथा नियोजित ढंग से प्रस्तुत किया जाए। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने सभी स्टेक होल्डर्स के समन्वित सहयोग से प्रयागराज कुम्भ-2019 का भव्य और दिव्य आयोजन किया। इसमें 24 करोड़ श्रद्धालु एवं पर्यटक आए। इसी प्रकार प्रयास करके प्रदेश के अन्य पर्यटक स्थलों पर भी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आज यहां गोमती रिवर फ्रण्ट पर पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित ‘टूरिज्म कार्निवाल’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। ‘टूरिज्म कार्निवाल’ का आयोजन 27 से 29 सितम्बर, 2021 तक किया जा रहा है। इस अवसर उन्होंने पर 02 टूरिस्ट बसों को नवाबगंज-कानपुर-बिठूर तथा अयोध्या-गोरखपुर-कुशीनगर के लिए झण्डी दिखाकर रवाना किया। डिस्कवरी चैनल द्वारा वाराणसी पर बनायी गयी लघु फिल्म तथा उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के एप को लॉन्च किया। उन्होंने जनपद वाराणसी के पर्यटन स्थलों पर केन्द्रित पुस्तिका तथा उत्तर प्रदेश के व्यंजनों पर केन्द्रित पुस्तिकाओं का विमोचन किया। लखनऊ मण्डल के आध्यात्मिक पर्यटन स्थलों चन्द्रिका देवी के सौन्दर्यीकरण कार्य का लोकार्पण तथा नैमिषारण्य के पर्यटन विकास से सम्बन्धित परियोजनाओं का शिलान्यास किया। प्रदेश में पर्यटन विकास के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान करने वाले 10 लोगों को सम्मानित किया। ‘उ0प्र0 पर्यटन नीति-2018’ के तहत 01 उद्यमी को अनुदान धनराशि का प्रतीकात्मक चेक तथा 02 उद्यमियों को पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्रदान किया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने गोमती रिवर फ्रण्ट पर फूड स्ट्रीट का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यटन दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत रामायण, स्प्रिचुअल, बौद्ध, हेरिटेज आदि सर्किट के माध्यम से प्रदेश के पर्यटक स्थलों का व्यवस्थित विकास कराया जा रहा है। राज्य की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल पर विभिन्न पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना’ लागू की गयी है। राज्य में पर्यटन स्थलों को आकर्षक एवं सुविधापूर्ण बनाने के पर्यटन विभाग के प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वर्ष इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का स्वर्ण जयन्ती वर्ष भी है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यटन सुविधाओं के विकास के सम्बन्ध में सबसे पहला प्रयास सम्भवतः अन्तःकरण के भाव को सम्मान देने के लिए स्प्रिचुअल पर्यटन के क्षेत्र में हुआ होगा। इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश दुनिया के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में है। यहां श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े अनेक स्थल, भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या, भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि मथुरा, भगवान विश्वनाथ की धरती तथा विश्व की प्राचीनतम नगरी काशी, दुनिया की सबसे पवित्र नदियों गंगा जी व यमुना जी के संगम के रूप में कुम्भ की धरती प्रयागराज, विभिन्न शक्ति केन्द्र, भगवान बुद्ध से जुड़े 06 प्रमुख स्थल, जैन परम्परा के तीर्थंकरों से सम्बन्धित अनेक पवित्र स्थल हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हेरिटेज टूरिज्म से सम्बन्धित अनेक महत्वपूर्ण स्थल उत्तर प्रदेश में हैं। प्रथम स्वाधीनता समर का स्थल, महाराजा सुहेलदेव के शौर्य व पराक्रम का स्थल बहराइच सहित विभिन्न कालखण्ड के ऐतिहासिक स्थल यहां मौजूद हैं। महारानी लक्ष्मीबाई, शहीद मंगल पाण्डेय, पं0 राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आजाद जैसे स्वाधीनता सेनानियों तथा क्रांतिकारियों से जुड़े स्थल, स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़े स्थल जैसे लखनऊ में काकोरी, गोरखपुर में चौरी चौरा आदि उत्तर प्रदेश में हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ईको-टूरिज्म के लिए भी राज्य में व्यापक सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को विकसित करने के लिए वन एवं पर्यटन विभाग को सामूहिक प्रयास करने चाहिए। प्रदेश में तराई के क्षेत्र में ईको-टूरिज्म की असीम सम्भावना है। जून माह में भी इस क्षेत्र में तापमान समीपवर्ती जनपदों के तापमान से काफी कम होता है। विन्ध्य और बुन्देलखण्ड क्षेत्र का सौन्दर्य आध्यात्मिकता से ओतप्रोत कर देने वाला है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा पर्यटन लोगों में उत्साह, उमंग तथा सृजनात्मक शक्ति का संचार करने के साथ ही रोजगार सृजन का भी बड़ा माध्यम है। यह पूरे अर्थ तंत्र को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने का माध्यम बनता है। पर्यटन का विकास अनेक प्रकार के रोजगार लेकर आता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन विकास की अनेक परियोजनाएं एवं कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। अयोध्या एवं काशी में कई परियोजनाएं चल रही हैं। काशी में संचालित परियोजनाएं इस प्राचीनतम नगरी की पुरातन काया को बनाए रखते हुए नये कलेवर में विकसित कर रही हैं। इससे हर व्यक्ति अभिभूत होता और गौरव करता है। चित्रकूट पर्यटन के नक्शे पर स्थान बना रहा है। विन्ध्यवासिनी धाम में हो रहा पर्यटन विकास शाक्त परम्परा के श्रद्धालुओं के लिए इस पवित्र स्थल को सुविधापूर्ण और आकर्षक बनाएंगे।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि पर्यटन दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। पर्यटन गतिविधियों से विभिन्न प्रकार के उद्यम फलते-फूलते हैं। इससे पूरे क्षेत्र का अर्थशास्त्र सुदृढ़ होता है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विगत साढ़े चार वर्षों में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ होने से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रयागराज कुम्भ के दिव्य एवं भव्य आयोजन, अयोध्या में दीपोत्सव, वाराणसी में देव दीपावली जैसे आयोजनों से प्रदेश पर्यटकों के लिए बड़े आकर्षण के रूप में सामने आया है। मुख्यमंत्री जी द्वारा राज्य में बड़े पर्यटन स्थलों के विकास के साथ ही, 400 से अधिक छोटे पर्यटन स्थलों को भी विकसित कराया जा रहा है। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह, लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम, मण्डलायुक्त लखनऊ श्री रंजन कुमार एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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