प्रादेशिक
इंवेस्टर फ्रेंडली औद्योगिक नीतियों के चलते यूपी में 11,500 करोड़ रुपए से अधिक का हो रहा है निवेश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इंवेस्टर फ्रेंडली औद्योगिक नीतियों के चलते उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की भूमि पर अब बड़े -बड़े उद्योगपति अपनी फैक्ट्री लगाने लगे हैं। बीते चार साल से शुरू इस सिलसिले के चलते अब तक सूबे के 51 जिलों में यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्रों में 3500 से अधिक उद्योगपतियों में फैक्ट्री लगने के लिए जमीन ली हैं। इन उद्योगपतियों के राज्य में फैक्ट्री लगाने से 11,500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश सूबे में हो रहा है। करीब एक लाख लोगों को इन उद्योगों में रोजगार पाएंगे। फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन लेने वाले तमाम उद्योगपतियों ने अपनी फैक्ट्री स्थापित कर उनमें उत्पादन भी शुरू कर दिया है।
ऐसे में अब यूपीसीडा के अफसर राज्य में अधिक निवेश लाने के लिए नई योजनाओं पर कार्य करने लगे हैं। जिसके तहत उन्नाव में मेगा लेदर पार्क और कन्नौज में एक परफ्यूम पार्क और परफ्यूम म्यूजियम बनाने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मत है कि ऐसी योजनाओं से परंपरागत उद्योगों में निवेश बढ़ेगा। दुनिया भर में उन्नाव के लेदर उत्पाद हाथों हाथ लिए जाएंगे और कन्नौज के इत्र की महक फैलेगी।
मुख्यमंत्री की इस मंशा के तहत अब उन्नाव में 42 एकड़ क्षेत्रफल में मेगा लेदर पार्क बनाने की योजना तैयार की गई है। करीब 550 करोड़ रुपए की लागत वाले इस पार्क की स्थापना से लेदर के उत्पाद बनाने वाली बड़ी -बड़ी कंपनियां यहां निवेश करने में रूचि दिखाएंगी और लेदर कारोबार की स्थिति में भी सुधार आएगा। इसी प्रकार इत्र बनाने की आधुनिक तकनीक के अभाव में कन्नौज में इत्र का कारोबार संकट में घिरा है। इसे बचाने के लिए कन्नौज में एक परफ्यूम पार्क और परफ्यूम म्यूजियम बनाए जाने की योजना बनी है। परफ्यूम पार्क को लेकर तर्क दिया गया है कि संसाधनों के अभाव में कृत्रिम इत्र कंपनियों और पारंपरिक इत्र के व्यापार में मुश्किलें आ रही हैं।
परफ्यूम पार्क का निर्माण होने से लोग पुश्तैनी काम छोड़ने को मजबूर नहीं होंगे और बड़ी कंपनियां भी कन्नौज में अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए आगे आयंगी। जबकि परफ्यूम म्यूजियम स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा और इस म्यूजियम के जरिए शुद्ध और प्राकृतिक परफ्यूम बनाने की विरासत को दुनिया भर में प्रचारित किया जा सकेगा।
ऐसा नहीं है कि यूपीसीडा सिर्फ लेदर या इत्र के कारोबार में भी निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। बीते चार वर्षों में इस विकास प्राधिकार ने बेहद शानदार कार्य किया है। इसके प्रयासों से ही यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्रों में 3500 से अधिक उद्योगपतियों में फैक्ट्री लगने के लिए जमीन ली हैं। इनमें से तमाम लोगों ने अपनी फैक्ट्री भी राज्य में लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। और कई फैक्ट्रियों में तो उत्पादन भी शुरू हो गया है।
हरदोई के संडीला क्षेत्र में आईटीसी लिमिटेड, वरुण बेवरेजेज लिमिटेड (पेप्सिको), बर्जर पेंट्स लिमिटेड, ग्रीन प्लाई इंडस्ट्रीज लिमिटेड, ब्रिटिश पेंट्स लिमिटेड, वेब्ले स्कॉट लिमिटेड, शाहजहांपुर में कृभको फर्टिलाइजर लिमिटेड, कानपुर में प्लास्टिक पैक लिमिटेड, बाराबंकी में एसएमएस जी लिमिटेड (कोका कोला) तथा आगरा में वॉन वेल्स लिमिटेड अपनी फैक्ट्री लगाने की पहल की है।
इसके अलावा बीते एक बर्षों में कोरोना महामारी के दौरान भी प्रदेश सरकार की नीतियों के प्रभावित होकर एक हजार से अधिक उद्योपतियों ने राज्य में अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए यूपीसीडा से जमीन ली है । इन उद्योगपतियों द्वारा लगाई जाने वाली फैक्ट्री से करीब 5100 करोड़ रुपए का निवेश होगा। कोरोना काल के दौरान निवेश करने में जिन देशी तथा विदेशी कंपनियों ने रूचि दिखाई है, उनमें ब्रिटिश कंपनी एवी मोरी प्रमुख है, इस कंपनी ने चित्रकूट और पीलीभीत में अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन ली है। इसके अलावा हिंदुस्तान यूनिलीवर हमीरपुर के सुमेरपुर में, त्रिवेणी अलमीरा ने बाराबंकी के कुर्सी रोड पर, फारेवर डिस्टलरी ने गोरखपुर में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन ने बदायूं में और आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने रायबरेली में अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन ली है।
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यूपीसीडा के अधिकारी राज्य में औद्योगिक निवेश के इच्छुक निवेशकों को उनकी जरूरत का ध्यान रखते हुए उन्हें फैक्ट्री लगाने के लिए भूमि मुहैया कराने में तेजी दिखा रहे हैं। इसके चलते ही मात्र चार वर्षों में इस औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 3500 से अधिक उद्योगपतियों को फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन मुहैया करा दी। जिसके चलते लाखों लोगों को रोजगार मिलने का अवसर मिला है। यूपीसीडा की नई शुरू होने वाली योजनाओं में भी लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, यह अब इस प्राधिकरण के अफसरों तथा प्रदेश सरकार का मुख्य टार्गेट है।
उत्तर प्रदेश
कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम योगी ने सभी मंत्रियों के साथ संगम में लगाई डुबकी, कई प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी
प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में यूपी कैबिनेट की बैठक बुधवार को प्रयागराज के त्रिवेणी संकुल अरैल सभागार में हुई। बैतहक में यूपी से जुड़े कई अहम प्रस्तावों और योजनाओं को मंजूरी दी गई है। बैठक में यूपी सरकार के सभी 54 मंत्री मौजूद रहे। बैठक के बाद सीएम योगी के साथ सभी मंत्रियों ने संगम में स्नान किया। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया।
इन प्रस्तावों को दिखाई हरी झंडी
कैबिनेट बैठक में एक्सप्रेसवे, एयरोस्पेस प्रोजेक्ट समेत कई प्रस्तावों और परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा सभी 54 मंत्री शामिल हुए।
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा
सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा। इसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा विंध्य एक्सप्रेसवे का भी ऐलान किया गया है। इसके अलावा एयरोस्पेस के कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
वाराणसी में भी विकास क्षेत्र बनाने की तैयारी
प्रयागराज-चित्रकूट की तरह वाराणसी में भी विकास क्षेत्र बनाने की तैयारी है। इससे पर्यटन और आर्थिक रोजगार को फायदा होगा। कैबिनेट ने प्रयागराज और वाराणसी समेत 7 जिलों को मिलाकर धार्मिक क्षेत्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और भदोही जिले शामिल हैं। वाराणसी-विंध्य विकास क्षेत्र को लेकर चर्चा हुई है। प्रयागराज में यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर नया पुल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
कैबिनेट बैठक में कई नए मेडिकलों को मंजूरी
तीन नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। योगी सरकार ने प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हाथरस, बागपत और कासगंज में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। इन्हें कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
सात जिलों को मिलाकर बनेगा धार्मिक सर्किट
बैठक में प्रयागराज और वाराणसी समेत सात जिलों को मिलाकर एक धार्मिक सर्किट (Religious Circuit) बनाने की योजना को मंजूरी दी गई। इस सर्किट में चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और भदोही को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्किट न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। इसके तहत प्रयागराज और विंध्याचल को काशी से जोड़ने वाले नए एक्सप्रेसवे की भी योजना है।
सीएम योगी ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि आज यहां कई मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रदेश के विकास से जुड़े नीतिगत फैसलों पर चर्चा हुई। 2018 में हमने नीति 2024 के लिए उत्तर प्रदेश की एयरोस्पेस और डिफेंस से जुड़ी नीति बनाई थी। इस नीति के 5 साल पूरे हो गए हैं, अब इसे नए सिरे से बनाने की व्यवस्था की गई है। यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में संगम को कुंभ की तस्वीर के साथ इन सभी मंत्रियों को प्लेट और कलश दिया जाएगा।
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