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प्रादेशिक

काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण कार्यक्रम से पहले सीएम योगी ने की तैयारियों की समीक्षा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज जनपद वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर लोकार्पण कार्यक्रम तथा इस उपलक्ष्य में 13 दिसम्बर, 2021 से 14 जनवरी, 2022 तक श्री काशी विश्वनाथ धाम यात्रा के तहत ‘भव्य काशी दिव्य काशी’ कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की। इसके अलावा, उन्होंने विकास कार्याें तथा कानून व्यवस्था की भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 13 दिसम्बर, 2021 को श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण के पश्चात 14, 15 व 16 दिसम्बर, 2021 को काशी के प्रत्येक घर में बाबा का विशेष प्रसाद एवं धाम के इतिहास से सम्बन्धित कॉफी टेबल बुक का अभियान चलाकर वितरण सुनिश्चित किया जाए। महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरुद्धार कराने के पश्चात प्रधानमंत्री जी ने संकल्प के साथ श्री काशी विश्वनाथ धाम का पुनरुद्धार कराया है। उन्होंने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण से पूर्व वाराणसी जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का विशेष अभियान चलाया जाए। कार्यक्रम के दौरान जन सहभागिता का विशेष ध्यान रखते हुए घरों में साफ-सफाई व दीप प्रज्ज्वलन पर भी फोकस किया जाए। यह कार्यक्रम दिव्य और भव्य हो। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद वाराणसी के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की सभी सड़कें गड्ढामुक्त की जाएं। जनप्रतिनिधियों के सहयोग से स्वच्छता का विशेष अभियान चलाया जाए। 12, 13 व 14 दिसम्बर, 2021 को गंगा घाटों के साथ-साथ शहर की प्रमुख इमारतों व सरकारी भवनों की विशेष रूप से सजावट एवं लाइटिंग करायी जाए। इनके अलावा शहर में स्ट्रीट लाइटों की सुचारु व्यवस्था रहे। उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में डिजिटल डोनेशन की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के साथ ही काशी का डिजिटल मैप बनाने के निर्देश मण्डलायुक्त वाराणसी को दिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भजन-कीर्तन मण्डलियों को संस्कृति विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान फाइन आर्ट के छात्र-छात्राएं शहर के प्रमुख स्थानों पर अपनी पेण्टिंग का प्रदर्शन करेंगे। काशी के विकास से सम्बन्धित क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाए। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन पूरे एक माह तक किए जाने की रूपरेखा बनायी जाए। काशी के पुनरुद्धार और श्री काशी विश्वनाथ धाम के इतिहास की जानकारी जन-जन तक पहुंचे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ वाहन पार्किंग और यातायात की व्यवस्था भी सुदृढ़ रहे। काशी वासियों को यातायात सम्बन्धी किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े। सभी सम्बन्धित विभाग अपनी सड़कों को तत्काल दुरुस्त कराएं। वेण्डिंग जोन में ही रेहड़ी-पटरी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था की जाए तथा सामुदायिक शौचालय भी साफ-सुथरे रहें। उन्होंने थानों में पड़े वाहनों का युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री जी ने 30 नवम्बर, 2021 तक सड़कों को पूरी तरह गड्ढामुक्त किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिलान्यास किए गए विकास कार्यों पर तेजी से कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि विद्युत बकाया देयों के नाम पर उत्पीड़न न किया जाए। त्रुटियुक्त बिलों का संशोधन करते हुए किश्तों में भुगतान प्राप्त किए जाने की कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री जी के समक्ष श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण तथा सम्बन्धित अन्य तैयारियों की रूपरेखा का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री श्री अनिल राजभर, पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रविन्द्र जायसवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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