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ममता के पैर में प्लास्टर वाली फोटो वायरल, बीजेपी-कांग्रेस ने बताया नौटंकी

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कोलकाता। नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान घायल हुईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के एक अस्पताल में हैं। उनके पैर पर प्लास्टर चढ़ाया गया है। साथ ही दाहिने कंधे, गर्दन और कलाई में भी चोटें आईं हैं। बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने उनकी फोटो ट्विटर पर शेयर की है। अस्पताल में ममता बनर्जी ने सीने में दर्द और सांस फूलने की शिकायत की है। डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें अगले 48 घंटों के लिए निगरानी में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को हल्का बुखार है और बांगुर इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेस में एमआरआई के तुरंत बाद अस्पताल के वीवीआईपी वुडबर्न ब्लॉक में उन्हें विशेष वार्ड में भेज दिया गया है।

डॉक्टर ने कहा कि उन्हें अस्पताल से छुट्टी देने से पहले हमें उनकी स्थित पर नजर रखने की जरूरत है। राज्य सरकार ने बनर्जी के उपचार के लिए पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम बनाई है। वहीं इस नंदीग्राम में हुई इस घटना के कुछ चश्मदीद भी सामने आए हैं, जिन्होंने ममता बनर्जी के दावों पर ही सवाल उठाए हैं। चश्मदीदों ने कहा कि ममता की गाड़ी की सड़क किनारे लगे खंबे से टकरा गई थी, जिससे ममता को चोट लग गई थी।

उधर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने इसे ममता की नौटंकी बताया है। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इसे सियासी नाटक बताते हुए कहा कि चुनाव में हार को देखते हुए ममता बनर्जी सहानुभूति बटोरने के लिए यह ड्रामा कर रही हैं। वहीँ, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उन पर ‘सियासी पखंड’ का आरोप लगाया और विधानसभा चुनावों से पहले जनता से सहानुभूति हासिल करने के लिए ‘नौटंकी’करार दिया।

उन्होंने कहा कि यह कैसे संभव हो सकता है कि उन पर हमला किया गया तो उसके आसपास कोई पुलिसकर्मी नहीं था। चौधरी ने दावा किया, “वह सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं है, वह ‘पुलिस मंत्री’ भी है। कोई भी विश्वास नहीं कर सकता है कि बंगाल की ‘पुलिस मन्त्री’ के साथ कोई पुलिसकर्मी नहीं थी। जब पुलिस ने नंदीग्राम में एक सुरक्षा घेरा लगाया हुआ था तो मुख्यमंत्री को कुछ युवाओं द्वारा धक्का देना का दावा करना अविश्वसनीय हैं।

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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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