Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोनाः शोध में दावा, नए वैरिएंट पर ये तीन वैक्सीन हैं असरदार

Published

on

Loading

पिछले 1 साल से ज्यादा समय से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। हालांकि इसकी वैक्सीन अब तैयार हो चुकी है और लोगों को लगने लगी है लेकिन वायरस के नए वैरिएंट वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती बनकर खड़े हो गए हैं।

हाल ही कोरोना के नए वैरिएंट ने वैक्सीन के प्रभाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वैज्ञानिकों की चिंता सताने लगी है कि वैक्सीन कहीं नए वैरिएंट पर बेअसर न हो जाए।

इस बीच शोध में एक नया खुलासा हुआ है। तीन अलग-अलग शोधों में यह दावा किया गया है कि अमेरिकी कंपनी फाइजर, चीनी कंपनी सिनोवैक और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ब्राजील में पाए गए कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी असरदार हैं।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ब्राजील के फियोक्रूज बायोमेडिकल इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ अधिकारी मौरिसियो जुमा ने सोमवार को कहा, ‘प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोरोना वायरस के P.1 स्ट्रेन के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करेगा।’ दरअसल, ब्राजील वाले स्ट्रेन को पी1 स्ट्रेन के नाम से जाना जाता है।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन भी ब्राजील में फैल रहे कोरोना के नए वैरिएंट के खिलाफ असरदार पाई गई हैं। शोध में यह पाया गया है कि वैक्सीन ने संक्रामक P.1 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन वाले वायरस के खिलाफ असर दिखाया है। इससे पहले ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन पर भी इसके असरदार होने का दावा किया गया था।

रॉयटर्स के मुताबिक, ब्राजील में किए गए कुछ छोटे-छोटे अध्ययनों के प्रारंभिक डेटा से यह संकेत मिलता है कि चीन की वह वैक्सीन भी ब्राजील के P.1 स्ट्रेन पर असरदार पाई गई है, जिसे सिनोवैक बायोटेक ने विकसित किया है। दरअसल, ब्राजील में टीकाकरण अभियान के तहत इसी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या, सदमे में परिवार

Published

on

Loading

वॉशिंगटन। अमेरिका में हैदराबाद के रहने वाले एक छात्र की वॉशिंगटन डीसी में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। छात्र का नाम रवि तेजा बताया जा रहा है। रवि अपनी मास्टर की पढ़ाई करने के लिए 2022 में अमेरिका गए थे। भारतीय छात्र की हत्या की घटना उस दिन सामने आई है जिस दिन डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं।

जानकारी के अनुसार रवि तेजा को एक गैस स्टेशन के पास गोली मारी गई है। रवि 2022 में पढ़ाई करने के लिए अमेरिका आया था। अपने बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद से ही परिवार सदमे में है।

पिछले साल नवंबर में शिकागो में इसी तरह से एक भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। छात्र तेलंगाना के खम्‍मम जिले के रामन्‍नापेट का रहने वाला था और कुछ महीनों पहले ही पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचा था। मृतक की पहचान 26 साल के नुकरपु साई तेजा के रूप में हुई थी। वह चार महीने पहले ही अपनी पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचा था।

Continue Reading

Trending