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प्रादेशिक

कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए पात्र लोगों का समय से टीकाकरण किया जाएः सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाये रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकाॅल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए। मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 13 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 07 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 159 है।

जनपद अमेठी, अमरोहा, बागपत, बलिया, बलरामपुर, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, गोण्डा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जालौन, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कासगंज, लखीमपुर खीरी, ललीतपुर, महोबा, मैनपुरी, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सीतापुर, उन्नाव और वाराणसी में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98.7 प्रतिशत है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 1,73,377 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 07 करोड़ 91 लाख 30 हजार 216 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार लक्षित आयु वर्ग के सभी नागरिकों को कोरोना टीकाकरण का सुरक्षा कवच निःशुल्क उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में टीकाकरण कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए पात्र लोगों का समय से टीकाकरण किया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि राज्य में गत दिवस तक 10 करोड़ 91 लाख 52 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि केन्द्र व राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से प्रदेश में अब तक 478 आॅक्सीजन प्लाण्ट क्रियाशील हो चुके हैं। मुख्यमंत्री जी ने शेष आॅक्सीजन संयंत्रों की स्थापना तेजी से किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में बीमारियों से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत स्वच्छता, फाॅगिंग और सैनिटाइजेशन पर पूरा ध्यान दिया जाए। संचारी रोगों से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि व्यापक जनहित को दृष्टिगत रखते हुए कोविड महामारी एक्ट के उल्लंघन से जुड़े दर्ज मुकदमों को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गृह विभाग इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का लखनऊ में कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसके दृष्टिगत सभी तैयारियां समय से पूर्ण कर लिए जाएं।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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