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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने माना भारत की बनी कोवैक्सिन का लोहा, 617 वैरिएंट्स को कर सकती है बेअसर

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नई दिल्ली। भारत बायोटेक की तरफ से बनाई गई देसी कोरोना वैक्सीन का लोहा अमेरिका ने भी मान लिया है। अमेरिका ने माना है कि कोवैक्सिन कोरोना के 617 वेरिएंट्स को बेअसर करने का दम रखती है।

व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार और अमेरिका के शीर्ष महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने कॉन्फ्रेंस कॉल में मीडिया को यह जानकारी दी है।

फाउची ने कहा, ‘यह कुछ ऐसा है जहां हमें रोजाना अब भी आंकड़े मिल रहे हैं। लेकिन सबसे ताजा आंकड़ों में कोविड-19 मरीजों के खून के सीरम और जिन लोगों को भारत में इस्तेमाल होने वाला कोवैक्सिन टीका दिया गया है उनको शामिल किया गया है। यह 617 प्रकारों को बेअसर करने वाला पाया गया है।’

फाउची ने कहा, ‘इसलिए, भारत में हम जो मुश्किल हालात देख रहे हैं उसके बावजूद टीकाकरण इसके खिलाफ बहुत-बहुत प्रतिकारक हो सकता है।’

बता दें कि जिस समय भारत में कोवैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी तब इस पर कई सवाल खड़े हो गए थे। इस देशी वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में संदेह पैदा किया गया कि बिना ट्रायल डेटा के इसे लगवाना में रिस्क है।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या, सदमे में परिवार

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वॉशिंगटन। अमेरिका में हैदराबाद के रहने वाले एक छात्र की वॉशिंगटन डीसी में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। छात्र का नाम रवि तेजा बताया जा रहा है। रवि अपनी मास्टर की पढ़ाई करने के लिए 2022 में अमेरिका गए थे। भारतीय छात्र की हत्या की घटना उस दिन सामने आई है जिस दिन डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं।

जानकारी के अनुसार रवि तेजा को एक गैस स्टेशन के पास गोली मारी गई है। रवि 2022 में पढ़ाई करने के लिए अमेरिका आया था। अपने बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद से ही परिवार सदमे में है।

पिछले साल नवंबर में शिकागो में इसी तरह से एक भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। छात्र तेलंगाना के खम्‍मम जिले के रामन्‍नापेट का रहने वाला था और कुछ महीनों पहले ही पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचा था। मृतक की पहचान 26 साल के नुकरपु साई तेजा के रूप में हुई थी। वह चार महीने पहले ही अपनी पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचा था।

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